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राज्यसभा सदस्य के तौर पर आज शपथ नहीं ले सकेंगे संजय सिंह, यह है वजह
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सोमवार 5 फरवरी को राज्यसभा सांसद पद की शपथ नहीं ले सकेंगे। राज्यसभा सभापति ने संजय सिंह को सांसद के तौर पर शपथ लेने की अनुमति नहीं दी है। सभापति का कहना है कि उनका मामला फिलहाल विशेषाधिकार समिति के पास है और इस वजह से उन्हें पद की शपथ लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट की तरफ से आंशिक राहत दी गई थी और कोर्ट ने संजय सिंह को जेल से बाहर आकर राज्यसभा में शपथ लेने की अनुमति दी थी। सोमवार को उनहें शपथ लेना था लेकिन शपथ ग्रहण से पहले ही राज्यसभा सभापति ने सांसद के तौर पर संजय सिंह को शपथ लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि गुरुवार 1 फरवरी को संजय सिंह ने अंतरिम जमानत याचिका के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उन्होंने 7 दिन की अंतरिम बेल देने की मांग की थी, ताकि 5 फरवरी को वे राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण कर सकें। शपथ ग्रहण के साथ ही, 5 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाले संसद सत्र में भी वे भाग ले सकें।
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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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