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दिल्ली की वायु प्रदूषण में थोड़ा सुधार, आज सुबह दिल्ली का औसतन एक्यूआई 302 दर्ज किया गया
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में एक तरफ ठंड बढ़ने लगी है। वहीं दूसरी तरफ वायु प्रदूषण भी लोगों को दम घोंट रही है। इस बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता ने थोड़ी सुधार देखने को मिली है। इस कारण दिल्ली की आबोहवा थोड़ी बेहतर हो गई है। नतीजतन आज सुबह दिल्ली का औसतन एक्यूआई 302 दर्ज किया गया है। बता दें कि आज लगातार 5वां दिन है जब दिल्ली का एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। इसी के साथ दिल्ली में ठंड बढ़ने लगी है। दिल्ली में इस मौसम की दूसरी सबसे ठंड रात गुरुवार को दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में ग्रैप 4 को लागू करने के बाद अब वायु प्रदूषण में थोड़ी कमी दिखने लगी है।
कहां कितना है एक्यूआई?
दिल्ली के मुंडका में एक्यूआई 364, आनंद विहार में 357, जहांगीरपुरी में 354, शादीपुर में 351, बवाना में 341, द्वारका में 332, नेहरु नगर में 331, वजीरपुर में 330, विवेक विहार में 328 और अशोक विहार में 318 एक्यूआई दर्ज किया गया है, जो कि बेहद खराब श्रेणी की वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। बता दें कि दिल्ली में बीते दिनों एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था। इस कारण सबसे पहले दिल्ली में ग्रैप 3 को और फिर बाद में ग्रैप 4 को लागू किया गया। इसके तहत दिल्ली में निर्माण कार्यों को बंद कर दिया गया और बीएस 4 वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी जाने लगी।
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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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