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बोर्ड परीक्षा की कड़ी तैयारी, पेपर लीक करने की कोशिश करने वाले जाएंगे जेल

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लखनऊ। 22 फरवरी गुरुवार से प्रदेश में शुरू हो रही बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन और शुचिता के साथ संपन्न कराने के लिए योगी सरकार ने कड़े प्रबंध किए हैं। वॉट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक अराजक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। किसी विषय की परीक्षा समाप्त होने से पूर्व यदि उस विषय का कोई प्रश्न-पत्र या उसके किसी भाग को वाट्सएप या सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से संचारित करने का प्रयास किया जाता है तो कानून की सुसंगत धाराओं के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों और जनपदों को चिह्नित किया गया है तथा इनमें किसी भी अप्रिय घटना की रोकथाम के लिए एसटीएफ तथा स्थानीय अधिसूचना इकाई के माध्यम से विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त नकल की संभावनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रश्नपत्रों को खोलने की कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में की जाएगी तथा संकलन केंद्रों एवं स्ट्रांग रूम पर 24 घंटे निगरानी के लिए सशस्त्र बल एवं लाइव सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की गई है। स्ट्रांग रूम का प्रातः कालीन सचल दल द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में और आवश्यकता पड़ने पर उसके बाहर भी जिला प्रशासन को दंड प्रकिया संहिता के अंतर्गत धारा-144 लागू करने सहित अन्य सभी एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

12 कार्य दिवसों में संपन्न होंगी बोर्ड परीक्षाएं

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बुधवार को लोकभवन के सभागार में बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में बोर्ड परीक्षाएं कुल 12 कार्य दिवसों में संपन्न होगी। वर्ष 2017 से पहले इन परीक्षाओं को संपन्न कराने में एक माह से भी अधिक समय लगता था। बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल के 1571184 छात्र तथा 1376127 छात्राएं (कुल-29,47,311) एवं इण्टरमीडिएट के 1428323 छात्र तथा 1149676 छात्राएं (कुल-25,77,997) सम्मिलित होंगे। कुल 55,25,308 परीक्षार्थियों में से 5360745 संस्थागत एवं 164563 व्यक्तिगत परीक्षार्थी है। उन्होंने बताया कि नकल पर प्रभावी रोकथाम के कारण वर्ष 2024 में 164563 छात्र/छात्राएं व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में पंजीकृत हुए है, जबकि 2017 में यह संख्या 3,53,106 थी। इसके अंतर्गत अन्य प्रदेशों से 2017 में पंजीकरण कराने वाले 1,50,209 परीक्षार्थियों के स्थान पर वर्ष 2024 में अन्य प्रदेशों व अन्य बोर्डों के परीक्षार्थियों की संख्या भी मात्र 4905 रह गई है।

सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया गया परीक्षा केंद्रों का निर्धारण

उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा परीक्षा केंद्रों का निर्धारण, उनकी धारण क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करते हुए सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन कराया गया। 2017 से पहले 12 हजार से भी अधिक केंद्र बनते थे, लेकिन ऑनलाइन केंद्र निर्धारण व्यवस्था से कम परीक्षा केंद्र (वर्ष 2024 की परीक्षा में 8265) बने, जिससे उनका पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण सुगम हुआ। उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा को शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन कराने के लिए विगत वर्षों में अपनाई गई प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया गया है। राज्य स्तर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ के साथ-साथ विद्या समीक्षा केंद्र लखनऊ और परिषद मुख्यालय, प्रयागराज और 05 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनसे प्रदेश के समस्त परीक्षा केंद्रों एवं जनपद स्तरीय कंट्रोल एवं मॉनिटरिंग सेंटर की लाइव मॉनीटरिंग की जाएगी।

हेल्पलाइन नंबर्स के साथ लाइव मॉनीटरिंग भी की जाएगी

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि परीक्षार्थियों एवं जनसामान्य की शिकायतों का त्वरित निवारण करने के लिए 2 हेल्पलाइन नंबर (1800 180 6607/8) तथा परीक्षार्थियों की जिज्ञासाओं के समाधान व मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए 2 हेल्पलाइन नंबर (1800 180 5310/12) भी स्थापित किए गए हैं। इसी प्रकार जनपद स्तर पर भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, हेल्पलाइन व अन्य व्यवस्थाएं कराई गई हैं। इनके माध्यम से जनपद के समस्त परीक्षा केंद्रों की लाइव मॉनीटरिंग की जाएगी। जनपदीय कंट्रोल सेंटर को संचालित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित प्रशासनिक अधिकारी को तैनात किया गया है। बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक एवं अन्य कार्यों के संपादन के लिए लगाई गई ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले कार्मिकों के विरुद्ध भी सुसंगत नियमों के तहत कार्यवाही की व्यवस्था की जा रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 8265 परीक्षा केंद्रों पर 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षा आयोजित की जा रही है। विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर विद्यार्थियों को परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए बोर्ड परीक्षा स्पेशल बसों, परीक्षा अवधि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति, परीक्षा केंद्रों एवं आस-पास की साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन, परीक्षार्थियों, परीक्षा कार्मिकों को आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की जा रही है।

ये होगा पहली बार

– प्रथम बार सभी केंद्र व्यवस्थापकों को प्रश्नपत्रों के रख-रखाव तथा परीक्षा संपादन के संबंध में व्यवस्था के विभिन्न आयामों को और बाहरी केंद्र व्यवस्थापकों एवं स्टेटिक मजिस्ट्रेटों को परीक्षा संपादन के लिए अपने उत्तरदायित्वों को स्पष्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

– प्रथम बार परीक्षा कक्षों में लगाए गए लगभग 3.11 लाख कक्ष निरीक्षकों को सुरक्षित क्यूआर कोड एवं क्रमांक युक्त कम्प्यूटराइज्ड परिचय पत्र जारी किया गया है।

– प्रथम बार उत्तर पुस्तिकाओं के कवर पृष्ठ पर क्यूआर कोड, क्रमांक संख्या एवं लोगो के अतिरिक्त उसके आंतरिक पृष्ठ पर भी परिषद का लोगो तथा प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या के साथ-साथ चार अलग-अलग रंगों में सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाएं मुद्रित कराई गई हैं।

– प्रथम बार क्विक रिस्पॉस टीम (क्यूआरटी) गठित की गई है जो सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाकर जनसामान्य को गुमराह करने और सरकार की छवि धूमिल करने के प्रयासों की निगरानी करेगी और त्वरित कार्यवाही कराएगी।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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