Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

प्रधानमंत्री की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में बना पहला हिंदू मंदिरः सीएम योगी

Published

on

Loading

लखनऊ/वाराणसी| सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्षों के प्रभु श्रीरामलला के वनवास के कालखंड को समाप्त कर अयोध्या धाम में अपनी दूरदर्शिता, वचनबद्धता और कर कमलों से प्रभु को विराजमान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी आए हैं। अयोध्या धाम के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बना है। गत सप्ताह ही उसका लोकार्पण कर पीएम काशी में पधारे हैं। काशी मंदिरों का ही शहर है। अब काशी की आभा वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक रूप से बुलंद हो रही है। अबूधाबी में बना मंदिर भी इसका नया उदाहरण है। पीएम का दुनिया की सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी काशी में ऐसे समय में आगमन हो रहा है, इसलिए सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी में काशीवासियों की तरफ से पीएम का जोरदार अभिनंदन करता हूं।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। सीएम ने शुक्रवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आयोजित सांसद खेलकूद, सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि काशी सर्व विद्या की राजधानी होगी।

जब दुनिया सोती है तो पीएम जगकर सड़कों पर आपके हित में कार्य करते हैं

सीएम ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में आध्यात्मिक व सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए काशी नए कलेवर के रूप में दुनिया के सामने आई है। कल रात्रि 11 बजे भी लोकप्रिय सांसद के रूप में सड़क पर अपने संसदीय क्षेत्र काशी में रहकर प्रधानमंत्री को आप सभी ने विकास कार्यों का अवलोकन करते हुए देखा होगा। रात्रि 11 बजे जब दुनिया सोती है, तब प्रधानमंत्री जी जगकर आपके हित में कार्य कर रहे थे। यह बताता है कि राजनेता कैसे जनमानस का विश्वास अर्जित कर सकता है। प्रधानमंत्री ने विकास के साथ काशी को नया रूप और हर तबके को मंच भी दिया है। पहली बार देश के जनप्रतिनिधियों के सामने सांसद खेलकूद, सांसद सांस्कृतिक, संस्कृत वेद व फोटोग्राफी की भी प्रतियोगिता के माध्यम से उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किया।

सांसद के रूप में काशी की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा प्रदान कर रहे पीएम

सीएम योगी ने कहा कि यह प्रेरणादायी अवसर है। अमूमन जनप्रतिनिधि का मतलब विकास के लिए प्रयास करना होता है, लेकिन प्रधानमंत्री का नियमित रूप से सांसद के रूप में काशी से जुड़ाव है। वे काशीवासियों के हितों के लिए कार्य करते हुए यहां की पुरातन आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा प्रदान कर रहे हैं। ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से समाज के अलग-अलग तबके के लोगों को जोड़कर कार्यक्रमों को नया स्वरूप प्रदान कर रहे हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सभागार में श्रद्धेय मालवीय जी की विरासत को याद किया जा रहा है। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, रवींद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

प्रादेशिक

रद्द हो सकती है BPSC की परीक्षा : दिलीप जायसवाल

Published

on

Loading

पटना। BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में कई अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार सरकार पर हमलावर हैं। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हैं। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द हो सकती है।

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए दिलीप जायसवाल ने पूरे मामले को साफ करते हुए बताया कि सरकार ने अब तक परीक्षा रद्द नहीं करने पर अंतिम फैसला नहीं किया है। पूरे मामले की जांच चल रही है। अगर जांच में कुछ गड़बड़ी मिलती है तो परीक्षा रद्द की जायेगी। बिहार में मचे घमासान के बीच नीतीश सरकार के मंत्री ने साफ किया है कि सरकार ने अब तक ना नहीं कहा है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने राज्यपाल से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा था और यह आग्रह किया था कि हाई कोर्ट के जज की निगरानी में इसकी जांच करवाई जाए। बिहार सरकार के मंत्री की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताको हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया है।

दिलीप जायसवाल ने इस मसले पर विपक्षी पार्टियों को भी घेरा औऱ आरोप लगाया कि वो छात्रों के आंदोलन का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘विपक्ष विकास, रोजगार और अन्य किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं कर सकता है. इसलिए वो छात्रों के आंदोलन का इस्तेमाल खुद को स्थापित करनेके लिए कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending