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नेशनल

उप्र : कानपुर में कूड़े से बन रही जैविक खाद

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लखनऊ, 13 नवम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में कानपुर के कैंटोन्मेंट बोर्ड ने कूड़े से जैविक खाद बनाकर किसानों को सस्ते दाम पर बेचने की कवायद शुरू कर दी है। बोर्ड के निर्देश पर यहां हाइटेक कूड़ा प्लांट लगा दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इससे रोजाना 40 टन कूड़े का निस्तारण कर 15 टन जैविक खाद बनाई जाएगी। आसपास के कुछ राज्यों ने भी जैविक खाद के लिए सम्पर्क किया है। कानपुर कैंटोन्मेंट बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, रोज 40 टन कूड़े का निस्तारण कर 15 टन जैविक खाद बनाई जाएगी। बोर्ड ने शहरी और ग्रामीण किसानों को भी डेढ़ रुपए प्रति किलो के हिसाब से जैविक खाद बेचने का फैसला किया है। साथ ही बोर्ड को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से दो हजार टन जैविक खाद का ऑर्डर भी मिल गया है।

गौरतलब है कि कैंट बोर्ड ने जाजमऊ स्थित ट्रेन्चिंग ग्राउंड में 55 लाख की लागत से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया है। प्लांट रविवार से विधिवत शुरू हो गया है। प्लांट में नई तकनीक के जरिए कूड़े का निस्तारण होगा। इसमें कूड़े के हर हिस्से को अलग-अलग कर जैविक खाद बनाई जा रही है। अभी जैविक खाद बननी शुरू की गई है।

प्लांट के मैनेजर गिरजेश चौबे ने बताया कि कूड़ा प्लांट शुरू हो गया है। जैविक खाद प्लांट से ही ग्रामीण किसानों और बागवानी कर रहे शहरी किसानों को 5,10 और 20 किलो के बंडल में बेची जाएगी। प्लांट की सिटी कम्पोस्ट खाद जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में कारगर होगी।

उन्होंने बताया कि खाद का भाव अभी डेढ़ रुपए प्रति किलो रखा गया है। आगे बोर्ड ने अनुमति दी तो रिटेल आउटलेट कैंट क्षेत्र में खोले जा सकते हैं। हरियाणा और हिमाचल से ऑर्डर मिल गया है लेकिन शहरी किसानों की मांग पहले पूरी की जाएगी।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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