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नेशनल

चिंतकों पर हमला देश पर प्रहार : मनमोहन

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नई दिल्ली| पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश विचार, विश्वास और बोलने की आजादी के ‘घोर हनन’ से बेहद चिंतित है और इससे जुड़ी घटनाएं ‘देश पर प्रहार’ की तरह हैं। सिंह ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती पर नेशनल कान्फ्रेंस के कार्यक्रम ‘नो पीस विदआउट फ्रीडम। नो फ्रीडम विदाउट पीस : सेक्योरिंग नेहरूज विजन एंड इंडियन फ्यूचर’ के उद्घाटन सत्र में ये बातें कहीं।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मतभिन्नता की वजह से चिंतकों पर हमला या उनकी हत्याओं को किसी भी आधार पर जायज नहीं ठहराया जा सकता। सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति ने इस तरह की घटनाओं की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की है। यह देश पर हमला है।”

सिंह ने कहा, “देश हाल में कुछ हिंसक चरमपंथी समूहों द्वारा विचार, विश्वास और बोलने की आजादी के घोर हनन से बेहद चिंतित है।”

उन्होंने चेताया कि बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान असंतोष की आवाज को दबाना देश के आर्थिक विकास के लिए खतरनाक साबित होगा। साथ ही कहा, “मुक्त बाजार स्वतंत्रता के बिना संभव नहीं है।”

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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