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नेशनल

प्रधानमंत्री ने सईद जाफरी के निधन पर संवेदना जताई

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बहुमुखी प्रतिभा के धनी दिग्गज कलाकार सईद जाफरी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। मोदी ने कहा कि जाफरी को उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए ‘हमेशा याद रखा जाएगा’।

पीएमओ के आधिकारिक ट्विटर पर साझा पोस्ट के अनुसार, “सईद जाफरी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार थे। उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन पर बहुत दुख है।”

भारत में जन्मे दिग्गज ब्रिटिश कलाकार ने रविवार को अंतिम सांस ली। वह 86 साल के थे।

जाफरी ने ‘गांधी (1982)’, ‘शतरंज के खिलाड़ी (1977)’, ‘हिना (1991)’, ‘मासूम (1983)’ और ‘राम तेरी गंगा मैली (1985)’ जैसी फिल्मों में यादगार किरदार निभाए।

उन्होंने सह-कलाकार और लेखिका मेहरुनिमा (मधुर जाफरी) से शादी की, लेकिन 1965 में वे अलग हो गए। उनकी साथ में तीन बेटियां हैं- मीरा, जिया तथा सकीना। ये तीनों भी अभिनेत्रियां हैं।

सईद को थिएटर में उनके योगदान के लिए ‘ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’ से नवाजा गया था।

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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