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नेशनल

मोदी की यह निजी हार : ओवैसी

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हैदराबाद। मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी तौर पर हार है। ओवैसी की पार्टी भी विधानसभा चुनाव में उतरी थी। इसने राज्य विधानसभा की 243 में से छह सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।

उन्होंने कहा, “यह मोदी की निजी हार है, क्योंकि इससे पहले किसी भी चुनाव में किसी प्रधानमंत्री ने प्रचार अभियान में इस तरह हिस्सा नहीं लिया था।” हैदराबाद के सांसद ने दारुस्सलाम में एमआईएम के मुख्यालय में संवाददाताओं को बताया, “भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक प्रधानमंत्री चुनाव अभियान में इतना सक्रिय रहा और 35 से भी अधिक जनसभाओं को संबोधित किया।” ओवैसी ने नीतीश और महागठबंधन के अन्य साझेदारों को बधाई देते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने सांप्रदायिकता और फासीवाद के खिलाफ निर्णायक जनादेश दिया है।

उन्होंने कहा, “बिहार का माहौल मोदी की हार चाहता था और मुस्लिम तथा अन्य समुदायों ने मोदी को हराने का फैसला लिया था।” ओवैसी ने आशा जताई कि नीतीश और महागठबंधन लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी और बिहार के विकास और विशेष तौर पर सीमांचल क्षेत्र की पिछड़ी जाति के विकास के लिए काम करेगी। एमआईएम प्रमुख ने कहा कि वह सीमांचल क्षेत्र के विकास के लिए लड़ते रहेंगे और लोगों को न्याय दिलाएंगे।

इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि एमआईएम लोगों का विश्वास नहीं जीत पाई, ओवैसी ने कहा कि उनके कठिन परिश्रम के बावजूद समय उनके हित में नहीं था। ओवैसी ने कहा, “कई लोगों ने मुझे कहा कि हमें पहले शुरुआत करनी चाहिए थी। अन्य लोग चाहते हैं कि हम सीमांचल की लंबी लड़ाई के लिए अपना कार्य जारी रखें।” सांसद ने कहा कि बिहार चुनाव में एमआईएम के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि उसने अपनी शुरुआत कर दी है और खुद को लोगों के सामने पेश कर दिया है। ओवैसी अगले विधानसभा चुनाव में एमआईएम के बेहतर प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त हैं।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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