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नेशनल

बीएसई आयोजित करेगा प्रबुद्ध नेतृत्व सम्मेलन

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मुंबई। ‘प्रबुद्ध नेतृत्व – जुनून, उद्देश्य और लाभ’ सम्मेलन में प्रमुख कारोबारी दिग्गज आधुनिक कारोबार में प्राचीन भारतीय सिद्धांतों को पिरोने पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन का आयोजन शनिवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), अर्थ फोरम और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्श मिलकर करेंगे, जिसमें मुख्य वक्तव्य आध्यात्मिक गुरु राधानाथ स्वामी देंगे।

अर्थ फोरम के संस्थापक सदस्य राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य पेशा और जीवन का संतुलन खोजना, अधिक प्रभावी होने के तरीके और जीवन का उद्देश्य खोजना है।

श्रीवास्तव बासिल ग्रोथ फंड के प्रबंध साझेदार भी हैं।

उन्होंने कहा, “हम प्राचीन ज्ञान और साहित्य और आधुनिक कारोबार को जोड़ना चाहते हैं, जो परस्पर विरोधी लगते हैं।”

इन प्रयासों से अर्थ फोरम स्थापित कारोबारी मॉडल को दिखाना चाहता हैं और उद्यमियों, पेशेवरों और कारोबारी प्रमुखों में यह जागरूकता बढ़ाना चाहता है कि वे समाज को वापस कुछ देना कारोबार का अभिन्न अंग है।

सम्मेलन में वेदांता रिसोर्सेज के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, यूटीवी और स्वेड्स फाउंडेशन के संस्थापक रोनी स्क्रूवाला, अपार समूह के अध्यक्ष एन.डी. देसाई और अरविंद मफतलाल समूह के अध्यक्ष ऋषिकेश मफतलाल भी हिस्सा लेंगे।

अर्थ फोरम ने इससे पहले दुबई, सिलिकॉन वैली, न्यू जर्सी, लंदन, सिंगापुर और बेंगलुरू में भी इस तरह के सम्मेलन आयोजित किए हैं।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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