प्रादेशिक
वंचित बच्चों की शिक्षा के मुद्दे पर सम्मेलन
लखनऊ। वंचित समूहों की शिक्षा व अधिकारों के मुद्दे पर पैक्स (पुअरेस्ट एरियाज सिविल सोसायटी) द्वारा एक राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन मंगलवार एवं बुधवार को किया जा रहा है। इस सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञ और प्रदेश के 17 जनपदों के स्कूल प्रबंध समिति सदस्य एवं कायकर्ता शामिल होंगे। सम्मेलन में विषय विशेषज्ञ वंचित बच्चों के पक्ष में शिक्षा का माहौल कैसे तैयार किया जाए, इस पर चर्चा करेंगे।
पैक्स के राज्य कार्यक्रम समन्वयक प्रशांत कुमार ने बताया कि इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में हो रहे सम्मेलन में इस पर चर्चा होगी कि स्कूलों में वंचित बच्चों के पक्ष में किस तरह से नीतियां तैयार की जाए ताकि वह भी सामान्य बच्चों की तरह से शिक्षा के अधिकार को हासिल कर सकें। उन्होंने बताया कि इस राज्यस्तरीय कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के 17 जिलों से 1000 लोग शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि पैक्स इंग्लैण्ड सरकार का अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग का एक कार्यक्रम है, जो तहत समाज के वंचित समुदाय के अधिकारों को दिलाने में मदद का काम करता है। इस कार्यक्रम के तहत आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा अधिकारों की प्राप्ति ही मुद्दा रहता है।
उन्होंने बताया कि इसी के तहत भारत के सात राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में काम किया जा रहा है। उप्र के 17 जिलों के 69 ब्लाकों के 2525 गांव इसमें शामिल किए गए हैं। 20 स्वयंसेवी संगठन और साथी संगठनों की मदद से काम किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
यूपी के बदायूं जनपद में एक ऐसा गांव जहां आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, पूरा गांव बैठा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है। और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन
भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी
चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।
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