नेशनल
वारंगल लोकसभा सीट जीतने के लिए तैयार टीआरएस
हैदराबाद। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) तेलंगाना में वारंगल संसदीय सीट पर अपना कब्जा जमाने के लिए लगभग तैयार है। टीआरएस उम्मीदवार मंगलवार सुबह उप-चुनाव की शुरू हुई मतगणना के शुरुआती चरणों में बढ़त बनाते दिख रहे हैं।
वारंगल संसदीय सीट के लिए हुए उप-चुनाव की मतगणना जारी है। टीआरएस के पासुनुरी दयाकार मतगणना के 11वें दौर में दो लाख 70 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो मुख्य उम्मीदवार दूसरे एवं तीसरे स्थान पर बहुत पीछे चल रहे हैं।
मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे शुरू हुई और आखिरी परिणाम दो बजे तक आने की उम्मीद है। राज्य में टीआरएस शिविर के बाहर जश्न मनाया जा रहा है। पार्टी के मुख्यालय, तेलांगाना भवन में सभी कार्यकर्ता पटाखे फोड़ रहे हैं और जश्न मना रहे हैं। मुख्यमंत्री और टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव के बेटे के.टी. रामा राव ने ट्वीट किया, “वारंगल को बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने हमें अधिक और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया।”
चुनाव में कुल 24 उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. सत्यनारायण को चुनाव मैदान में उतारा है। शनिवार को हुए उप-चुनाव में 15 लाख में से करीब 65 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। श्रीहरि को राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद यह सीट खाली थी, जिसके कारण यहां उप-चुनाव जरूरी हो गया था। 2014 के चुनाव में श्रीहरि ने 3.92 लाख मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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