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विश्व कप : न्यूजीलैंड के हाथों इंग्लैंड की करारी हार

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World Cup

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वेलिंग्टन| अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी (33/7) और कप्तान ब्रेंडन मैक्लम (77) के तूफानी खेल की बदौलत न्यूजीलैंड ने शुक्रवार को वेस्टपैक स्टेडियम में आईसीसी विश्व कप-2015 के नौवें मैच में इंग्लैंड को आठ विकेट से करारी शिकस्त दी। यह कीवी टीम की लगातार तीसरी जीत है जबकि इंग्लैंड को लगातार दूसरी हार मिली है। न्यूजीलैंड को 124 रनों का आसान लक्ष्य मिला जिसे कीवी टीम ने केवल 12.2 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाज साउदी की स्विंग होती गेंदों के सामने पूरी तरह से बेबस नजर आए और पूरी टीम केवल 33.2 ओवर में 123 पर आउट हो गई।

यह विश्व कप में इंग्लिश टीम का तीसरा न्यूनतम स्कोर है। ओवर के लिहाज से यह इंग्लैंड की सबसे संक्षिप्त पारी है। इंग्लैंड ने 1975 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ लीड्स में 36.2 ओवरों में 93 रनों पर सिमट गई थी। इसके बाद 1999 विश्व कप में इंग्लिश टीम द ओवल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 41 ओवरों 103 रन पर सिमट गई थी।

इसमें कहने वाली बात नहीं कि तीनों मुकाबले इंग्लैंड हार गया था। वेलिंग्टन में तो इंग्लिश टीम को 226 गेंदें शेष रहते हार मिली। यह (गेंदें शेष रहने के लिहाज से) इंग्लैंड की अब तक की सबसे बड़ी हार है।

एकदिवसीय मैचों में न्यूजीलैंड के किसी गेंदबाज का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। साथ ही विश्व कप इतिहास में भी गेंदबाजी का यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

साउदी की शानदार गेंदबाजी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस पारी में उन्होंने चार बल्लेबाजों को बोल्ड किया।

साउदी की शानदार गेंदबाजी से निराश और हताश नजर आ रहे इंग्लिश खिलाड़ियों के घाव पर नमक डाला मैक्लम ने जिन्होंने बाद में बल्लेबाजी करते हुए मैदान के चारो और चौकों और छक्कों की झड़ी लगा दी।

सलामी बल्लेबाज मैक्लम और मार्टिन गुप्टिल (22) ने पहले विकेट के लिए केवल 7.1 ओवर में ही 105 रन जोड़े। दोनों का विकेट इंग्लैंड के क्रिस वोक्स ने लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मैक्लम ने इस दौरान विश्व कप में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने केवल 18 गेंदों में 50 रन बनाए। इससे पूर्व विश्व कप में सबसे तेज पचासा लगाने का कीर्तिमान भी उन्हीं के नाम था जब उन्होंने 2007 में कनाडा के खिलाफ 20 गेंदों में 50 रन का आंकड़ा छूआ था।

बहरहाल, इससे पूर्व न्यूजीलैंड की गेंदबाजो ने भी कमाल का प्रदर्शन किया। साउदी ने पांचवें ओवर में इयान बेल (8) के रूप में पहला झटका दे दिया। पहले झटके से अभी इंग्लैंड उबर भी नहीं पाया था कि साउदी ने अपने अगले ही ओवर में मोइन अली (20) को भी क्लीन बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखा दी।

साउदी ने अपने पहले स्पेल में पांच ओवरों में 25 रन देकर दो विकेट चटकाए। हालांकि दूसरे छोर से भी गेंदबाजों ने विकेट चटकाना जारी रखा।

ट्रेंट बोल्ट ने 14वें ओवर की पहली गेंद पर गैरी बैलेंस (10) को केन विलियमसन के हाथों कैच आउट करवाया। इसके बाद जोए रूट (46) का साथ देने उतरे कप्तान इयान मोर्गन (17)। चौथे विकेट के लिए रूट और मोर्गन ने 47 रनों की साझेदारी की, जो इंग्लैंड की सबसे बड़ी साझेदारी रही।

पिछले मैच में शून्य पर लौटने वाले मोर्गन इस मैच में भी खास नहीं कर सके और 26वें ओवर की आखिरी गेंद पर 104 के कुल योग पर डेनियल विटोरी का शिकार हुए। मोर्गन का कैच एडम मिलने ने पकड़ा।

मोर्गन के पवेलियन लौटने के साथ ही जैसे इंग्लैंड की शेष टीम भरभरा कर गिर पड़ी और अगले 7.2 ओवरों में 19 रन जोड़ने में इंग्लैंड के शेष छह बल्लेबाज भी धराशायी हो गए। 70 गेंदों का सामना कर एक छोर संभालकर खड़े रूट आखिरी विकेट के रूप में पवेलियन लौटे।

मोर्गन का विकेट गिरने के साथ ही न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैक्लम ने साउदी को दूसरा स्पेल करने के लिए बुलाया और साउदी ने अपने दूसरे स्पेल की चार ओवरों की गेंदबाजी में आठ रन देकर पांच विकेट चटकाए।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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