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नेशनल

सिखों पर चुटकुले रोकने के लिए ऑनलाइन अर्जी

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नई दिल्ली। सिख समाज को निशाना बनाते चुटकुलों को रोकने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने राष्ट्रीय राजधानी के 18 गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले सिख बच्चों को जोड़ने के उद्देश्य से एक ऑनलाइन अर्जी शुरू की है। कमेटी द्वारा वेबसाइट ‘चेंज डॉट ओआरजी’ पर ‘बैन सिख जोक्स’ नाम से शुरू की गई इस अर्जी पर एक हफ्ते में राजधानी दिल्ली के 25,000 बच्चे ऑनलाइन हस्ताक्षर करके सिखों पर बनाए जाने वाले चुटकुलों पर रोक लगाने की केंद्र सरकार से मांग करेंगे।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने बताया कि इस ऑनलाइन अर्जी से स्कूली बच्चों को जोड़ने का मुख्य मकसद समाज को इन चुटकुलों के प्रति संवेदनशील बनाना है। मंजीत सिंह ने बताया कि कमेटी ने आगामी चार हफ्तों में ऑनलाइन अर्जी पर एक लाख लोगों के हस्ताक्षर लेने का लक्ष्य रखा है तथा इसके लिए कमेटी ने व्यापक प्रचार अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत सिख शिक्षण संस्थाओं तथा अन्य संस्थानों में पोस्टर, विजिटिंग कार्ड, डिजिटल मैटिरियल आदि प्रदान करने का फैसला किया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी सिख शिक्षण संस्थानों के सभी कक्षा स्थलों के कमरों में इन चुटकुलों पर रोक लगाने के लिए बच्चों को शिक्षित करने के लिए पोस्टर सहित अन्य प्रचार सामग्री चिपकाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अर्जी के अलावा स्कूली बच्चों को कागजी अर्जी की प्रति भी प्रदान की जाएगी, ताकि जो ईमेल या ऑनलाइन खातों का प्रयोग नहीं करते, वे भी इस अर्जी पर अपने अभिभावकों तथा समाज के दूसरे वर्ग के लोगों के हस्ताक्षर प्राप्त कर सकें। बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे गैर सिख लोगों के भी हस्ताक्षर लें, ताकि इस मुहिम में समाज के हर वर्ग को जोड़कर उनसे सकारात्मक सहयोग लिया जा सके।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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