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नेशनल

हरे-भरे गुरुग्राम के लिए ‘बूंद’ के अभियान में शामिल हुए बच्चे

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गुरुग्राम, 2 जुलाई (आईएएनएस)| कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो चुके हाईटेक नगरी-गुरुग्राम में 5 साल के बच्चों का एक समूह पौधरोपण अभियान के लिए आगे आया है। सामाजिक सरोकारों और समाज सुधार के कार्यो के समर्थन के लिए इन बच्चों के अभिभावकों ने ‘बूंद’ नामक एनजीओ लांच किया है। इस अभियान में शामिल बच्चे गुरुग्राम के अरावली स्थित-द श्रीराम स्कूल में पढ़ते हैं। पौधरोपण कार्यक्रम के आयोजक बच्चों के अभिभावक और समुदाय है, जो इस अभियान में बच्चों की भरपूर मदद कर रहे हैं।

पौधरोपण अभियान 1 जुलाई को चलाया गया, जिसके तहत खुशबू चौक से लेकर शहर के दूसरे इलाकों तक पौधे लगाने के अभियान की शुरूआत की गई।

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में विभिन्न देशों में प्रति व्यक्ति के लिहाज से पेड़ों की संख्या पर रिपोर्ट जारी की है। अलग-अलग देशों में पेड़ों की संख्या के मामले में भारत विभिन्न देशों के मुकाबले सबसे निचली पायदान पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए ‘बूंद’ का सृजन हुआ। इस अभियान में शामिल बच्चों ने ‘हरा-भरा गुरुग्राम’ का नारा लगाया।

‘बूंद’ की प्रवक्ता राखी अय्यर ने कहा, ‘बूंद’ हमारे सक्षम बच्चों की ओर से की गई एक पहल है, जिन्होंने अपने ढ़निश्चय या विचार पर अमल कर दिखाया। हमारे बच्चे यह नहीं मानते यह कोई परोपकार का या अच्छा काम है, बल्कि हमारे बच्चे इसे पूरी तरह से जरूरी और आवश्यक मानते हैं। ये बच्चे आप से पौधे लगाने के काम में शामिल होने का आह्वान करते हैं।

ये बच्चे सिर्फ पौधे ही नहीं लगाएंगे, बल्कि इन पौधों की अच्छी तरह देखभाल करेंगे। इन बच्चों के पास अगले 3 साल तक पौधों पर मालिकाना हक रहेगा। आइए, गुड़गांव को स्वच्छ और हरी-भरी जगह बनाने का वायदा करें, जो हमारे और हमारे बच्चों के लिए खुली और स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए सुरक्षित हो।

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उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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