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नेशनल

असहिष्णुता के लिए भाजपा पर बरसे सोमनाथ

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कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। चटर्जी ने कहा, “लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं। विभाजन के इस तरीके से भय का माहौल पैदा करने की कोशिश हो रही है। इसमें कोई शक नहीं कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अगर प्रत्यक्ष रूप से नहीं तो परोक्ष रूप से इस काम में मदद कर रहे हैं।”

चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एच.ए.हलीम को श्रद्धांजलि देने के बाद यह बात कही। हलीम (80) का सोमवार को एक नर्सिग होम में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह लगातार 29 साल तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे। देश में आज तक किसी ने किसी भी सदन में बतौर अध्यक्ष इतने लंबे समय तक अपनी सेवा नहीं दी है।

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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