Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

आगरा: सोशल मीडिया पोस्ट से हिंसा के बाद तनाव

Published

on

Loading

आगरा। सोशल मीडिया पर की गई धार्मिक टिप्पणी के कारण आगरा में दो समुदायों के बीच हिंसा के कारण शुक्रवार को तनाव की स्थिति रही। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए यहां शम्शाबाद क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।

पुलिस ने कहा कि एक फेसबुक ग्रुप की ओर से पोस्ट की गई सामग्री को दूसरे समुदाय के सदस्यों ने पक्षपातपूर्ण और भड़काऊ करार दिया। पोस्ट पर आपत्ति जताने वालों ने गुरुवार को फेसबुक ग्रुप के संयोजक पर हमला कर दिया, जिसके बाद टकराव शुरू हो गया। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां चलाई, जिसमें तीन सिपाहियों समेत 12 लोग घायल हो गए।

आगरा के आइजीपी ने मीडिया को बताया कि स्थिति काबू में है और उपद्रव फैलाने वालों की पहचान की जा रही है। शहर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की गश्त जारी है।

Continue Reading

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

Continue Reading

Trending