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नेशनल

इंद्राणी मुखर्जी अस्पताल में भर्ती, डेंगू की आशंका

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मुंबई। हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की प्रमुख आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को डेंगू होने की आशंका के चलते बुधवार को सर जे.जे.अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका रक्त प्लेटलेट्स 65 हजार पहुंच गया है और उन्हें डेंगू होने की आशंका है। अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि उन्हें बुखार आ रहा था व डेंगू के अन्य लक्षण दिखाई दिए।

चिकित्सकों के एक दल ने बुधवार सुबह भायखला जेल में उनके स्वास्थ्य की जांच की। चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें जेल परिसर से अस्पताल भेजने की सिफारिश की। बुधवार सुबह जेल अधिकारियों ने दंडाधिकारी आर.वी.अदोन को उनके स्वास्थ्य को लेकर एक रपट सौंपी, जिसके मुताबिक उनका रक्त प्लेटलेट्स 65 हजार पहुंच गया है और उन्हें डेंगू होने की आशंका है।

कमजोरी महसूस करने के बाद वह गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं, जिसके बाद गंभीर हालत में तीन अक्टूबर को इंद्राणी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह चार दिनों तक आईसीयू में रहीं। गौरतलब है कि अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की हत्या और उसके शव को रायगढ़ के निकट जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना व उनके पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय को अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। तीनों दो महीने से पुलिस हिरासत में हैं, जबकि मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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