बिजनेस
पाकिस्तान, अफगानिस्तान व्यापार पहलों पर चर्चा करेंगे
इस्लामाबाद| अफगानिस्तान के वित्तमंत्री सोमवार को पाकिस्तान पहुंचे। वह यहां दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापारिक मुद्दों पर दिन भर होने वाली बातचीत में हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान-अफगानिस्तान संयुक्त आर्थिक आयोग की बैठक पहले अगस्त में होने वाली थी। लेकिन, तनाव की वजह से इसे टालना पड़ा था। इसी तनाव की वजह से पाकिस्तान की मध्यस्थता में होने वाली अफगानिस्तान-तालिबान वार्ता भी पटरी से उतर गई थी।
रेडियो पाकिस्तान की रपट के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्तमंत्री इसहाक डार ने दोनों देशों के बीच लिए गए निर्णयों को लागू करने पर जोर दिया।
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कराधान, व्यापारिक सुगमता, राजमार्ग और रेलवे परियोजनाओं, पाकिस्तान के मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ने वाले अफगानिस्तानी छात्रों के वजीफे में बढ़ोतरी, परिवहन, ऊर्जा परियोजनाएं और कई अन्य क्षेत्रों में संयुक्त उपक्रम के मुद्दों पर बातचीत होनी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक अफगानिस्तानी राजनयिक सूत्र ने कहा कि अफगान प्रतिनिधिमंडल पारगमन व्यापार करार पर अमल न होने की वजह से अफगान व्यापारियों को पेश आ रही समस्याओं को उठाएगा।
सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान इस बात का भी आग्रह करेगा कि भारत से व्यापार के लिए पाकिस्तान उसे अपने जमीनी रास्ते का इस्तेमाल करने दे। अभी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अपना सामान भारत-पाकिस्तान की वाघा सीमा तक ले जाने की इजाजत दी हुई है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस वक्त कुल व्यापार 2.5 अरब डालर का है। दोनों देशों ने इसे 2017 तक पांच अरब डालर तक करने पर सहमति जताई है।
बिजनेस
फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता
नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.
बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।
क्या बोले अशनीर ग्रोवर?
मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।
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