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नेशनल

शीना मर्डर केस : सीबीआई को आरोपियों से पूछताछ की मिली इजाजत

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मुंबई। शीना मर्डर केस के आरोपियों इंद्राणी मुखर्जी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय से जेल में सीबीआई को पूछताछ की इजाजत मिल गई है। मुंबई की किला कोर्ट ने जांच एजेंसी को 12 दिन की अनुमति दी है। जांच एजेंसी को यदि इसके आगे भी पूछताछ करनी है तो 19 अक्टूबर को कोर्ट में याचिका दे सकती है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के करीब एक महीने बाद मुंबई के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सीबीआई को तीनों आरोपियों से जेल में पूछताछ करने की इजाजत दे दी। एस्पलानैड अदालत के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर वी अडोन ने कहा, अर्जी मंजूर की जाती है।

एजेंसी ने आरोपियों से पूछताछ के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा था। इंद्राणी के वकील ने कहा कि उन्हें इस बात में कोई आपत्ति नहीं है कि उनकी मुवक्किल से जेल में सीबीआई पूछताछ करे। इंद्राणी को मंगलवार शाम जे जे अस्पताल से छुटटी दे दी गई और बायकुला महिला कारागार में वापिस भेज दिया गया।

उल्लेखनीय है कि 43 वर्षीय इंद्राणी कथित तौर पर अधिक मात्रा में कोई दवा लेने की वजह से बेहोश हो गई थीं और पांच दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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