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नेशनल

‘सम-विषम योजना में अक्षम लोगों का ख्याल रखे सरकार’

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16 दिसम्बर, सामूहिक दुष्कर्म के दोषी, रिपोर्ट तलब, दिल्ली उच्च न्यायालय, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका

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नई दिल्ली| दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना पर रोक लगाने से इंकार करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सरकार से योजना बनाते समय शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का भी ख्याल रखने को कहा है। उच्च न्यायालय ने साथ ही कहा है कि वह मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को करेगी।

योजना 25 दिसम्बर को अधिसूचित की जाएगी और यह 2016 में प्रायोगिक तौर पर 1-15 जनवरी तक चलाई जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा, “सम-विषम मुद्दे पर योजना बनाते समय दिल्ली सरकार को शारीरिक रूप से अक्षम लोगों सहित समाज के सभी वर्गो का ख्याल रखना होगा।”

न्यायालय ने कहा, “उन्हें (शारीरिक रूप से अक्षम लोगों) कोई तकलीफ न हो, इसके लिए आपने (दिल्ली सरकार) क्या एहतियात बरती है? आपको उनकी सुविधा का ख्याल रखना चाहिए।”

न्यायालय इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के फैसले के खिलाफ दायर कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने शारीरिक रूप से विकलांग एक याचिकाकर्ता का भी उल्लेख किया।

याचिकाकर्ताओं में से एक निपुण मल्होत्रा ने आग्रह किया है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को अपना वाहन प्रयोग करने की इजाजत दी जाए, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन असक्षम लोगों के अनुरूप नहीं है।

न्यायालय ने इससे पूर्व यह कहते हुए आप सरकार की इस योजना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया कि अभी यह योजना परीक्षण के तौर पर ही चलाई जा रही है।

इससे पूर्व इस संबंध में दायर सभी पीआईएल में कहा गया था कि सरकार ने अपनी इस योजना पर सार्वजनिक बहस या इसके नफा-नुकसान पर विचार किए बिना ही इसकी घोषणा कर दी।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इसके कारण जनमानस को होने वाली असुविधाओं की परवाह किए बिना ही फैसला ले लिया गया।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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