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बिजनेस

आरआईएल का मुनाफा 40 सालों में 10 हजार गुणा बढ़ा : अंबानी

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मुंबई, 21 जुलाई (आईएएनएस)| अपने पिता धीरुभाई अंबानी द्वारा 1977 में स्थापित रिलायंस इंडस्ट्रीज की लंबी यात्रा के बारे में बात करते हुए कंपनी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि इस अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ सूचकांक 10,000 गुणा बढ़ गया है।

अंबानी ने कंपनी की 40वीं आम सभा में शेयरधारकों को बताया कि एक कपड़ा स्टार्ट अप कंपनी के रूप में शुरुआत करने वाली रिलांयस इंडस्ट्रीज का मुनाफा इस लंबी अवधि में 3 करोड़ रुपये से बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये हो चुका है।

उन्होंने कहा, आरआईएल का बाजार पूंजीकरण 1977 में 10 करोड़ रुपये था, जोकि अब 5 लाख करोड़ रुपये है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 32 फीसदी रही है।

अंबानी ने कहा, रिलायंस इंडस्ट्रीज में साल 1977 में किया गया हरेक 1,000 रुपये का निवेश आज 16.5 लाख रुपये की कीमत का हो चुका है। आसान शब्दों में कहे तो कंपनी के शेयरधारकों की रकम पिछले 40 साल से हर ढाई साल में दोगुनी हुई है।

आरआईएल के अध्यक्ष ने शेयरधारकों से कहा कि आरआईएल ने पिछले साल देश में जियो मोबाइल फोन का नेटवर्क सफलतापूर्वक लांच किया था। कंपनी का कारोबार 1977 में 70 करोड़ रुपये था, जो वर्तमान में बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें 4,700 गुणा की वृद्धि हुई है।

अंबानी ने कहा कि साल 1977 में कंपनी में कुल 3,500 कर्मचारी थे जो आज बढ़कर दुनियाभर में 2,50,000 हो गए हैं।

आम सभा में कंपनी ने शेयरधारकों के लिए 1 अनुपात 1 में बोनस शेयर देने की घोषणा की, जिसके तरत हरेक शेयरधारक को एक शेयर पर एक शेयर मुफ्त दिए जाएंगे।

आरआईएल ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा की थी, जिसमें मुनाफे में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

जून में खत्म हुई तिमाही में कंपनी का मुनाफा 8,196 करोड़ रुपये रहा, जिसमें पेट्रोकेमिकल व्यापार के उच्च मार्जिन और गल्फ अफ्रीका पेट्रो की हिस्सेदारी बेचने का मुनाफे में प्रमुख योगदान रहा।

कंपनी ने एक साल पहले की अप्रैल-जून तिमाही में कुल 7,548 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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