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डॉ. मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता को सदैव प्रथम लक्ष्य रखा : नाईक

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लखनऊ, 23 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति यही श्रद्धांजलि होगी कि डॉ. मुखर्जी ने देश के प्रति जो मिसाल प्रस्तुत की है उसी रास्ते पर हम सब मिलकर चलें। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को अपना प्रथम लक्ष्य रखा। आज के परिप्रेक्ष्य में उनके जैसा सिद्धांतवादी व्यक्तित्व युवा वर्ग के लिये प्रकाश स्तम्भ के समान है।

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) प्रागंण स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मानना था कि ‘एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान’ नहीं होना चाहिए। इस बात को लेकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सत्याग्रह भी किया था।

नाईक ने कहा कि महात्मा गांधी के कहने पर आजादी के बाद प्रथम केन्द्रीय मंत्रिमडल में कोलकाता से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा महाराष्ट्र से बाबासाहेब आंबेडकर को स्थान दिया गया। कश्मीर को लेकर वैचारिक मतभेद होने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया तथा भारतीय जनसंघ की स्थापना की। लोकसभा में जनसंघ के मात्र तीन सदस्य होने के बावजूद विपक्ष के लोगों ने एकजुट होकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नेता विपक्ष के रूप में मान्यता दी। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने सिद्धांतों और विचारों से कभी समझौता नहीं किया।

राज्यपाल ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन प्रेरणामयी था। उनमें अद्भुत विद्वता थी तथा उनकी भाषा शैली की विशेषता थी कि बड़ी सहजता से वे अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते थे। महज 33 वर्ष की आयु में वे कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे, जो अपने आप में एक उदाहरण है। वे महान शिक्षाविद् चिंतक तथा भारतीय जनसंघ के स्थापक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के लिए डॉ. मुखर्जी ने अपने जीवन का बलिदान दिया था।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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