अन्तर्राष्ट्रीय
ब्रिटेन में चीनी लोगों का नस्ली उत्पीड़न अधिक : अध्ययन
लंदन, 19 नवंबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन में चीन के लोग दूसरे जातीय समूहों के मुकाबले अधिक नस्ली उत्पीड़न का शिकार होते हैं। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। समाचार पत्र गार्जियन ने रविवार को अपनी रपट में कहा है कि एसेक्स विश्वविद्यालय के सामाजिक और आर्थिक अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है कि पिछले साल 15 फीसदी चीनी पुरुषों और महिलाओं नें खुद को उत्पीड़न का शिकार बताया। जबकि दूसरे जातीय समूह के चार से 10 फीसदी पुरुषों और महिलाओं का कहना है कि इसी समयावधि में उन्हें नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।
ब्रिटेन में 50 वर्ष पहले पहले भेदभाव विरोधी कानून प्रभावी हुआ था। जिसके बाद से ब्रिटेन में रहने वाले सबसे स्थापित अल्पसंख्यक अश्वेत कैरेबियाई लोगों पर जातीय उत्पीड़न की रपटों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई थी।
पुरुषों पर उत्पीड़न की रपट में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी और महिलाओं पर उत्पीड़न में पांच फीसदी की गिरावट आई है।
अध्ययन में कहा गया है, जातीय अल्पसंख्यक जो बहुसांस्कृतिक क्षेत्रों से काफी बाहर रहते हैं, वहां उनके नस्ली उत्पीड़न का सामना करने की संभावना अधिक होती है।
अध्ययन में कहा गया है कि अगर मुख्य रूप से एक श्वेत इलाके में जातीय अल्पसंख्यक लोग रहते हैं तो वहां 14 फीसदी संभावना है कि उन्हें नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा।
एसेक्स विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और सार्वजनिक नीति के प्रोफेसर शामित सागर ने कहा, नस्ली या किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न का प्रसार ब्रिटिश समाज के सामने एक सबसे गंभीर मुद्दा है।
अध्ययन के मुताबिक, पांच भारतीय मुस्लिम महिलाओं में से एक का कहना है कि उन्होंने पिछले साल उत्पीड़न की आशंका के कारण कुछ सार्वजनिक स्थानों पर जाना मुनासिब नहीं समझा और खुद को असुरक्षित महसूस किया।
गार्जियन ने सागर के हवाले से कहा, अध्ययन से पता चला है कि उत्पीड़न किसी के दिमाग में एक रक्षात्मक कल्पना नहीं है, बल्कि एक वास्तविक नुकसान है, जो हर दिन निर्दोष लोगों को प्रभावित करता है।
अध्ययन के लेखकों ने कहा कि उनके काम ने जातीय और नस्ली उत्पीड़न के बीच पर्याप्त सहयोग की पुष्टि की है, जो मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट का कारण बनता है। उन्होंने यह भी पाया कि उत्पीड़न निरंतर होने की प्रवृत्ति है।
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पूर्वी युगांडा में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत, 40 घर नष्ट
पूर्वी युगांडा। पूर्वी युगांडा में भूस्खलन के कारण छह गांवों में 40 घर नष्ट हो गए और कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई. राहत अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. युगांडा रेडक्रॉस सोसाइटी ने कहा कि 13 शव बरामद कर लिए गए हैं और बचाव कार्य जारी है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 30 तक हो सकती है. बुधवार रात भारी बारिश के चलते पर्वतीय जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मृतकोंकी संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है। बुधवार रात भारी बारिश के बाद पहाड़ी जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ। यह जिला राजधानी कंपाला से लगभग 280 किलोमीटर पूर्व में है। हालात बेहद भयावह नजर आ रहे हैं।
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