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मधुबनी पेंटिंग से बदल रही विद्यापति भवन की तस्वीर

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पटना, 24 जून (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री आवास पहुंचने वाला कोई भी व्यक्ति अब दुनियाभर में विख्यात लोक कला मधुबनी पेंटिंग की विविध कलाकृतियों को देख यहां की प्राचीन कला-संस्कृति से न केवल रूबरू होगा बल्कि उनकी बारिकियों को भी समझेगा।

बिहार के मधुबनी स्टेशन परिसर को मधुबनी पेंटिंग से सजाने-संवारने के बाद गांव के कलाकर अब राजधानी पटना तक की दीवारों पर अपनी कला को उकेर कर उन्हें खूबसूरत बनाने में जुटे हैं। पटना स्थित प्रसिद्घ विद्यापति भवन की दीवारों पर भी कलाकार मधुबनी पेंटिंग उकेर कर इस भवन की रौनक बढ़ा रहे हैं।

बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र खासकर दरभंगा और मधुबनी के अलावा नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मधुबनी पेंटिंग की खास पहचान है। रंगोली के रूप में शुरू हुई यह कला धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ों, दीवारों एवं कागज पर उतर आई है। मिथिला की महिलाओं द्वारा शुरू की गई इस घरेलू चित्रकला को पिछले कुछ दशकों में पुरुषों ने भी अपना लिया है।

मधुबनी पेंटिंग को बिहार की गलियों और घरों तक पहुंचाने का संकल्प लिए स्वयंसेवी संस्था ‘क्राफ्टवाला’ के कलाकार अब राजधानी पटना पहुंचे हैं। पटना के विद्यापति मार्ग स्थित चेतना समिति के विद्यापति भवन में मिथिला चित्रकला की आर्ट गैलरी का निर्माण ‘क्राफ्ट विलेज’ जितवारपुर से आए कलाकारों की टीम द्वारा किया जा रहा है।

क्राफ्टवाला के संस्थापक राकेश झा आईएएनएस को बताते हैं, इस कार्य का उद्देश्य विद्यापति भवन में मधुबनी पेंटिंग के परम्परागत स्वरूप को प्रदर्शित करना है, जिसके तहत मिथिला क्षेत्र के लोक संस्कारों जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के अल्पना (अरिपन), कोहबर (कोबर), सीतायन (सीता का जीवन चरित्र), लोक नायकों की गाथा आदि का चित्रण मधुबनी पेंटिंग शैली में किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि चेतना समिति वषोर्र् से मिथिला की लोक कला संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयत्नशील रही है। ऐसे में विद्यापति भवन को बिहार का पहला मधुबनी पेंटिंग आर्ट गैलरी बनाने का दायित्व क्राफ्टवाला को सौंप समिति ने हमें गर्व का पल प्रदान किया है।

चेतना समिति के उमेश मिश्र बताते हैं कि विद्यापति भवन को मधुबनी पेंटिंग से सजाने का उद्देश्य आने वाली पीढी को मिथिला पेंटिंग से केवल रूबरू कराना है।

राकेश झा कहते हैं कि क्राफ्टवाला की टीम ने मधुबनी पेंटिंग को जगह-जगह बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि इसके तहत मधुबनी स्टेशन से मधुबनी पेंटिंग की शुरूआत की गई थी, उसे देखकर लोग अब कई स्थानों पर मधुबनी पेंटिंग बनाने लगे हैं।

पटना के 1 अणे मार्ग मुख्यमंत्री आवास परिसर की दीवारों पर भी मधुबनी पेंटिंग बनाई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पेंटिंग की तस्वीर ट्विटर पर साझा भी की है।

विद्यापति भवन में क्राफ्टवाला के प्रोजेक्ट प्रमुख कौशल कहते हैं, विद्यापति भवन की दीवारों पर करीब 20 कलाकारों द्वारा मधुबनी पेंटिंग बनाई जा रही हैं। भवन में विद्यापति के चित्रण के अलावे राम-सीता, राधा-कृष्ण और बिहार के अन्य संस्कृतियों को भी चित्र के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा।

इधर, भवन की दीवारों में पेंटिंग करने में जुटी कलाकार रेणु देवी कहती हैं, इस कार्य से न केवल अपनी कला दिखाने का अवसर मिलता है बल्कि मधुबनी पेंटिंग को भी राज्य के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में महाकवि विद्यापति और मिथिला लोक नृत्य, मिथिला लोककलाओं को भी प्रदर्शित किया जा रहा है।

मधुबनी पेंटिंग को मिथिला पेंटिंग भी कहा जाता है। किंवदंतियों के मुताबिक यह कला मिथिला नरेश राजा जनक के समय से ही मिथिलांचल में चली आ रही है। आधुनिक समय में मधुबनी चित्रकला को पहचान बिहार के मधुबनी जिले के जितवारपुर गांव की रहने वाली सीता देवी ने दिलाई। इस गांव की तीन कलाकारों जगदंबा देवी, सीता देवी और बौआ देवी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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