बिजनेस
श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने हरित इमारतों के लिए आईओटी उत्पाद उतारे
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार द्वारा भारत में हरित इमारतों को बढ़ावा देने के प्रयास के मद्देनजर उर्जा प्रबंधन एवं ऑटोमेशन में विश्वस्तरीय विशेषज्ञ श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने शुक्रवार को देश में हरित इमारतों के लिए कई आईओटी-इनेबल्ड तकनीक और समाधान लांच करते हुए ‘ऊर्जा दक्ष’ इमारतों के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
कम्पनी ने इकोस्ट्रक्च र प्लेटफॉर्म को लांच किया। यह अत्याधुनिक आईओटी, मोबिलिटी, सेंसिंग, क्लाउड, एनालिटिक्स और साइबरसिक्योरिटी तकनीकों का संयोजन है और सभी आकार की इमारतों जैसे कार्यालयों, अस्पतालों, हवाई अड्डों, होटलों आदि में लागत और उर्जा की बचत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह समाधान रिहायशी सेगमेन्ट, विशेष रूप से होम ऑटोमेशन सेगमेन्ट में भी लागू होगा, जिसका बाजार 2022 तक 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक हाल ही में इमारतों के लिए व्यापक एपीएफसी पैनलों को पेश करने वाली पहली भारतीय कम्पनी बन गई, जो अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों जैसे आईईसी 61921 और आईईसी 61439.1 – 2 के अनुरूप हैं। एफ एण्ड बी, फार्मा, एफएमसीजी, ऑटो, आईटी, मरीन, सीमेंट और खनन जैसे उद्योगों में इमारतों के लिए उर्जा दक्षता में 30 फीसदी तक सुधार लाने के लिए वरसैट को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।
हरित इमारतों को बढ़ावा देने के लिए श्नाइडर का यह नया प्रोडक्ट एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड 2017 (आईईसी 2017) के तहत पेश किया गया है जिसे हाल ही में बिजली मंत्रालय द्वारा उर्जा दक्षता ब्यूरो के सहयोग से लांच किया गया था। इसके अनुसार देश भर में नई वाणिज्यिक इमारतों में उर्जा दक्षता के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष (भारत) अनिल चौधरी ने बताया, दुनिया भर में इमारतें कार्बन डाईऑक्साईड उत्सर्जन में 40 फीसदी का योगदान देती हैं, जो हमें इस जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। श्नाइडर इलेक्ट्रिक आईओटी- इनेबल्ड समाधानों के माध्यम से भारत में सुरक्षित, भरोसेमंद, प्रभावी, उत्पादक एवं हरित इमारतों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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