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नेशनल

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे संभालेंगे चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष का पदभार

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सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है, जिसमें तीन सेवा प्रमुख शामिल हैं। 8 दिसंबर को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद ये पद खाली हो गया था। जनरल नरवणे को समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रभार दिया गया है क्योंकि वह तीन सेवा प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं।

Indian Army chief MM Naravane China- चीन से सीमा समझौता हुए बिना शांति  नहीं- सेना प्रमुख एम एम नरवणे बोले
IAF एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 सितंबर और 30 नवंबर को अपने-अपने पद संभाले थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद की नियुक्ति से पहले, तीन सेवा प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे।

जनरल एमएम नरवणे होंगे नए CDS!
चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) ने मंगलवार को बैठक की और जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 सशस्त्र बलों के जवानों की मौत पर शोक व्यक्त किया। दुर्घटना में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने बुधवार को बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इस बीच, जनरल नरवने ने रॉयल सऊदी सशस्त्र बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फहद बिन अब्दुल्ला अल-मुतायर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। सेना ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।

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नेशनल

दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पेरोल, करेंगे चुनाव प्रचार

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नई दिल्ली। दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ताहिर को चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से कस्टडी पेरोल मिल गई है। इसके बाद ताहिर हुसैन को पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की छूट मिल गई है। ताहिर हुसैन दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ताहिर हुसैन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की याचिका दायर की थी, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब उन्होंने पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने देने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ AIMIM उम्मीदवार को कस्टडी पेरोल दी है। इस दौरान उसे अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं मिली है।
ताहिर को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी परोल दी गई है। ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा। कोर्ट ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी। पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वह बताएं कि हुसैन क्या वचन देंगे। लंबे बहस के बाद कोर्ट ने कई शर्तों के आधार पर ताहिर को कस्टडी पेरोल दी।

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