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बिजनेस

सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिता रहे लोग : एसोचैम

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नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)| फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम सहित सोशल प्लेटफार्म लोगों की पढ़ने और देखने की आदत तेजी से बदल रहे हैं और इनका असर खासतौर से युवा पीढ़ी पर ज्यादा है।

महानगरों में अब लोग अखबार पढ़ने और टीवी देखने में 3-4 साल पहले की तुलना में आधे से भी कम वक्त बिता रहे हैं। देश के अग्रणी उद्योग मंडल एसोचैम की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। एसोचैम द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के निष्कर्ष में कहा गया है, यह सही है कि भारतीय समाचार उद्योग अच्छी हालत में है और करीब 6.2 करोड़ अखबार प्रकाशित हो रहे हैं और आम घरों में अभी भी सुबह-सुबह अखबार खरीदा जा रहा है। लेकिन परिवारों में अखबार पढ़ने के वक्त में तेजी से कमी आई है और फेसबुक पर लोग ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। खासतौर से युवा पीढ़ी में यह चलन तेजी से उभरा है।

एसोचैम ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरू में 235 परिवारों पर किए गए सर्वेक्षण में कई दिलचस्प तथ्य एकत्रित किए हैं। करीब 80 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि सुबह की चाय के साथ अखबार पढ़ने में भारी बदलाव हुआ है। जहां 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष अब भी अखबार पढ़ते हैं, वहीं परिवार के युवा सदस्य विभिन्न सोशल साइटों पर जुटे रहते हैं, जहां उनकी रुचि से संबंधित जानकारियों और खबरों का अथाह भंडार है।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, विडंबना यह है कि सोशल मीडिया पर ढेरों फर्जी खबरें और झूठ भी बड़े पैमाने पर प्रसारित हो रहे हैं। हालांकि जैसे-जैसे नई मीडिया परिपक्वता की तरफ विकसित होगी, उम्मीद है कि यूजर्स भी इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में ज्यादा समझदार बनेंगे।

फिलहाल 6.2 करोड़ अखबार छप रहे हैं और टीवी देखने वालों की संख्या भी 78 करोड़ के आस-पास है। लेकिन बहुत सारा ट्रैफिक खासकर टीवी देखने वाले दर्शकों का स्मार्टफोन, टैब की तरफ जा रहा है, जहां नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, अमेजन जैसे कई विकल्प हैं जो युवाओं को खासतौर से लुभा रहे हैं। फेसबुक इसमें सबसे आगे रहने का दावा करता है और भारत में उसके कुल 20 करोड़ यूजर्स हैं, जो फेसबुक के कुल यूजर्स का दसवां हिस्सा है। पूरी दुनिया में फेसबुक के 2 अरब यूजर्स हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अभी इंटरनेट की पहुंच महज 40-45 फीसदी आबादी तक ही है। वहीं, टीवी की पहुंच 90 फीसदी आबादी तक है। लेकिन सरकार डिजिटल इंडिया अभियान चला रही है और भारत नेट के तहत गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने में जुटी है। इससे सोशल मीडिया का और विस्तार होगा तथा लोगों का खबरों, विचारों आदि तक पहुंचने का जायका बदलेगा।

एसोचैम ने कहा, इसके साथ ही विपणन रणनीतियों को भी बदलना होगा और डिजिटल विज्ञापन और विपणन पर जोर देना होगा। इस माध्यम में आगे बहुत विकास होने वाला है और इसमें विज्ञापनों को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने की सुविधा है।

इंटरनेट प्लेटफार्म की महत्ता और पहुंच को देखते हुए ज्यादा अखबार डिजिटल हो चुके हैं और सोशल मीडिया पर लेख और समाचार प्रसारित कर रहे हैं।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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