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नेशनल

19 दिसंबर से शुरू होगा कांग्रेस में राहुल युग, CWC की बैठक में फैसला

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नई दिल्ली। कांग्रेस में आगामी 19 दिसंबर से राहुल युग की शुरुआत हो जाएगी। सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। सोमवार को पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि अध्यक्ष पद के लिए 1 दिसंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी। 4 दिसंबर तक नामांकन किया जा सकेगा और 11 दिसंबर को नाम वापस लिए जा सकेंगे। 16 दिसंबर को वोटिंग होगी अौर 19 दिसंबर को अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।

इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। समिति में यह भी फैसला किया गया है कि यदि राहुल गांधी के सामने कोई उम्मीदवार खड़ा नहींं होता तो उनको अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी जाएगी।

दरअसल, सभी दिग्गज कांग्रेसी नेता लंबे समय से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। जाहिर सी बात है कि इस स्थिति में कोई नेता अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं करेगा। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, यदि राहुल गांधी के अलावा कोई और नामांकन नहीं आता है, तो फिर राहुल के नाम का ही ऐलान नामांकन पत्र की जांच के बाद कर दिया जाएगा।

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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