उत्तर प्रदेश
यूपी को सौर ऊर्जा से जगमग करेंगे 30 हजार ‘सूर्य मित्र’
लखनऊ। हर घर सोलर पैनल लगाने के पीएम मोदी के विजन को उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ पूरा करने में योगी सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित करने का कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश में भी 30 हजार युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाना है। अबतक 3 हजार युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है। बता दें कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्किल्ड मैन पॉवर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत सूर्य मित्रों को तैयार करने की योजना है, जिससे सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कुशल कारीगरों का सृजन हो सके।
योगी सरकार ने लिया है 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगाने का संकल्प
दरअसल, फरवरी 2023 में पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत के बाद पूरे देश में 1 करोड़ सोलर रूफ टॉप लगाने का लक्ष्य है। वहीं पीएम मोदी द्वारा संकल्पित इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी ओर से प्रदेश में 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगाने का संकल्प लिया है। मौजूद आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 18 लाख से अधिक घरों पर सोलर रूफ टॉप लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है, जबकि लगभग दो लाख घरों के लिए अप्लिकेशन भी सबमिट किया जा चुका है। वहीं 10 हजार से अधिक घरों पर सोलर रूफ टॉप लगाने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ‘नेट बिलिंग/नेट मीटरिंग की व्यवस्था लागू की है। यही नहीं प्रदेश के 10 लाख घरों पर रूफ टॉप लगाने के लिए यूपीनेडा को टाटा ग्रुप का भी साथ मिला है। फिलहाल वाराणसी से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
सौर ऊर्जा सेक्टर में स्किल्ड मैन पॉवर की डिमांड
इतने बड़े पैमाने पर सोलर रूफ टॉप लगने के बाद इस क्षेत्र में दक्ष युवा मैनपॉवर की आवश्यकता होगी, जिसे देखते हुए यूपीनेडा की ओर से ट्रेनिंग सेंटरों और जिलों के आईटीआई संस्थानों के माध्यम से 30 हजार सूर्य मित्रों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के अनुसार अबतक 3 हजार सूर्य मित्रों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। सरकार की मंशा है कि सौर ऊर्जा से जुड़े उद्योगों की आवश्यकता को पूरा करने वाले कुशल और रोजगार योग्य मैन पॉवर (सूर्य मित्र) को विकसित किया जाए। सूर्य मित्रों की ट्रेनिंग की अवधि तीन माह की है, जिसमें कक्षा प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रयोगशाला, एसपीवी प्लांट एक्सपोजर, सेवाकालीन प्रशिक्षण (ओजेटी), सॉफ्ट स्किल्स (आसान कौशल) और उद्यमिता कौशल सहित 600 घंटे की ट्रेनिंग शामिल हैं। इसके लिए न्यूनतम योग्यता दसवीं पास के साथ ही इलेक्ट्रिशियन, वायरमेन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, फिटर, शीट मेटल में आईटीआई होना आवश्यक है। सूर्य मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद प्रशिक्षुओं को रोजगार दिलाने में भी मदद की जाती है।
उत्तर प्रदेश
शैव अखाड़ों के महाकुम्भ नगर में छावनी प्रवेश के बाद वैष्णव अखाड़ों का कुम्भ क्षेत्र में हुआ भव्य प्रवेश
महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से आयोजित होने जा रहे आस्था के जन समागम महाकुम्भ में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों की दुनिया विस्तार लेने लगी है। शैव उपासक संन्यासी अखाड़ों के छावनी क्षेत्र में प्रवेश के बाद बुधवार को विष्णु उपासक वैष्णव अखाड़ों का भी भव्य छावनी प्रवेश हुआ। शहर में जगह जगह वैष्णव अखाड़ों के संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
वैष्णव अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा में दिखा राम भक्ति का अद्भुत रंग
संगम की रेती में बसी अखाड़ों की दुनिया में शिव उपासक अखाड़ों के छावनी प्रवेश के समापन के बाद अब वैष्णव अखाड़ों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। शहर के केपी ग्राउंड परिसर से तीनों वैष्णव अखाड़ों की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा की शुरुआत हुई। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें दस हजार से अधिक वैष्णव उपासक संतो ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास का कहना है कि प्रवेश यात्रा में तीनों वैष्णव अखाड़ों के सौ से अधिक महा मंडलेश्वर और द्वाराचार्य ने हिस्सा लिया।
प्रवेश यात्रा में वैष्णव संतो के युद्ध कला प्रदर्शन पर जमकर हुई पुष्प वर्षा
तीनों वैष्णव अखाड़ों ने संयुक्त रूप से अपनी छावनी प्रवेश यात्रा निकाली जिसे देखने के लिए शहर के मार्गों में दोनों तरफ हज़ारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा में सबसे आगे तीनों अखाड़ों के इष्ट भगवान हनुमान की धर्म ध्वजा और मूर्ति के बाद अखाड़ों के खालसों की रंग बिरंगी धर्म ध्वजा लहरा रही थी। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य के रथ के बाद गाजे बाजे और बैंड बाजे के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की सवारी में सिंहासन में विराजमान संत चल रहे थे। इन सबके बीच वैष्णव अखाड़ों के संतों के युद्ध कला कौशल का प्रदर्शन सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला के संकल्प को दर्शाती इस युद्ध कला का प्रदर्शन कर रहे संतो पर जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। मेला प्रशासन की तरफ से भी वैष्णव अखाड़ों का महा कुम्भ क्षेत्र पहुंचने पर विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया।
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