अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों को नए स्थानों पर भेजेगा
ढाका, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों को एक निचले, बाढ़ प्रवण द्वीप पर भेजने की अपनी विवादास्पद योजना के साथ आगे बढ़ रहा है।
इस क्षेत्र में निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होंगे। सीएनएन के मुताबिक, बांग्लादेश के नियोजन मंत्री मुस्तफा कमल के कार्यालय द्वारा जारी 27.8 करोड़ डॉलर की योजना के विवरण के अनुसार, बांग्लादेश में रह रहे करीब 10,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को नवंबर 2019 तक बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप थेंगार चार पर भेजा जाएगा।
यह द्वीप मुख्य भूमि से 37 मील दूर लगभग 30,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह द्वीप आधिकारिक तौर पर निर्जन घोषित किया गया है और भारी बारिश या मानसून के दौरान यह इलाका बाढ़ से प्रभावित रहता है।
रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बांग्लादेश की प्रशंसा की है, लेकिन कुछ शरणार्थियों को थेंगार चार में भेजने के उनके निर्णय की आलोचना की है।
पुनर्वास योजना को 28 नवंबर को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंजूरी दी थी और उसी दिन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस कदम को भयानक भूल बाताते हुए बांग्लादेश सरकार को इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए कहा था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया के निदेशक बिरज पटनायक ने कहा, पिछले तीन महीनों में 600,000 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोलने के बाद अब बांग्लादेश सरकार अपने इस सराहनीय कदम से अर्जित अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना को गंवाने और शरणार्थियों की सुरक्षा को कम करने का जोखिम उठा रही है।
पटनायक ने कहा, रोहिंग्या शरणार्थियों को शीघ्र ही उनके शिविर से हटाने और अंतत: म्यांमार भेजने की जल्दी में बांग्लादेश उनकी सुरक्षा और हितों को जोखिम में डाल रहा है।
शिकायतों के जवाब में बांग्लादेश नौसेना ने एक अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि द्वीप को भूमि सुधार के साथ रहने योग्य बनाया जा सकता है और तटीय रेखा की रक्षा के लिए काम किया जा सकता है।
सरकार द्वीप पर 60 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 1500 बैरक घर और 120 आश्रय केंद्र बनाने की योजना बना रही है।
कमल ने बयान में कहा, हालांकि, समुद्र के ज्वारीय प्रभाव के कारण भूमि जलमग्न हो जाती है, लेकिन भूमि विकास और तटीय रेखा संरक्षण कार्य द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
बांग्लादेश शरणार्थियों के लिए म्यांमार की सीमा के निकट कुटापलोंग में 3,000 एकड़ में फैले शिविर का निर्माण कर रहा है, जहां ज्यादातर रोहिंग्या शरणार्थी अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पूर्वी युगांडा में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत, 40 घर नष्ट
पूर्वी युगांडा। पूर्वी युगांडा में भूस्खलन के कारण छह गांवों में 40 घर नष्ट हो गए और कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई. राहत अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. युगांडा रेडक्रॉस सोसाइटी ने कहा कि 13 शव बरामद कर लिए गए हैं और बचाव कार्य जारी है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 30 तक हो सकती है. बुधवार रात भारी बारिश के चलते पर्वतीय जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मृतकोंकी संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है। बुधवार रात भारी बारिश के बाद पहाड़ी जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ। यह जिला राजधानी कंपाला से लगभग 280 किलोमीटर पूर्व में है। हालात बेहद भयावह नजर आ रहे हैं।
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