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सऊदी अरब : महिलाओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध खत्म

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रियाद, 24 जून (आईएएनएस)| सऊदी अरब में रविवार को दशकों पुराने ड्राइविंग पर प्रतिबंध हटाए जाने से महिलाओं को वाहन चलाने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह से ही महिलाएं देश भर की सड़कों पर वाहन चलाती देखी गईं, जबकि सऊदी यातायात पुलिस ने उन्हें गुलाब दिए।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बदलाव की घोषणा पिछले साल सितंबर में हुई थी और सऊदी अरब ने इस माह की शुरुआत में महिलाओं के लिए पहली बार लाइंसेस जारी किया था।

सऊदी के सुल्तान सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद ने आधिकारिक तौर पर सितंबर 2017 में महिलाओं को वाहन चलाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद सऊदी अरब ने 4 जून को महिलाओं को पहला ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया।

संचालन के सहायक गृह मंत्री सईद अल-कहतानी ने पुष्टि की कि प्रतिबंध हटाने के बाद यातायात में अपेक्षित परिवर्तनों से निपटने के लिए सुरक्षा जांच चौकियां स्थापित की जाएंगी।

पांच शहरों में महिलाओं के लिए ड्राइविंग स्कूल स्थापित किए गए हैं।

विदेशी ड्राइविंग लाइसेंस वाली महिलाएं एक अलग प्रक्रिया के माध्यम से स्थानीय लाइसेंस के लिए आवेदन करने में सक्षम होंगी।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब दुनिया में एकमात्र देश था जहां महिलाओं को वाहन चलाने की इजाजत नहीं थी और परिवारों को अपने महिला रिश्तेदारों के लिए एक निजी वाहन चालक रखने पड़ते थे।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम से बहुत सी महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की बाध्यता और छोटी दूरी के लिए एक पुरुष चालक को किराए पर रखने और बहुत सी महिलाओं को काम करने की स्वतंत्रता मिलेगी।

सऊदी अरब द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था का कायापलट करने की महत्वाकांक्षी योजना में महिलाओं की भर्ती करना प्रमुख है। इसे विजन 2030 के नाम से जाना जाता है। इस सुधार एजेंडा का नेतृत्व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कर रहे हैं।

हालांकि, यह कदम कार्यकर्ताओं पर कानूनी कार्यवाही के बीच आया है। ये कार्यकर्ता वाहन चलाने के अधिकार को लेकर अभियान चला रहे थे।

एमनेस्टी के अनुसार, करीब आठ महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और उन पर आतंकवाद रोधी अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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