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मुख्य समाचार

डब्ल्यूएफआई ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए मांगा वीजा

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नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने सरकार से जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ियों के वीजा देने की मांग की है। डब्ल्यूएफआई ने कहा है कि अगर भारत आने वाली चैम्पियनशिप में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देने से मना करता है तो इसके कारण विश्व कुश्ती महासंघ भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है।

टूर्नामेंट का आयोजन 17 से 22 जुलाई के बीच किया जाएगा, लेकिन अभी तक भारतीय सरकार ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया है। इसी मुद्दे को लेकर पाकिस्तान ने युनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) में शिकायत भी दर्ज कर दी है।

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा है कि अगर भारत वीजा नहीं देता है तो यूडब्ल्यूडबल्यू डब्ल्यूएफआई पर प्रतिबंध लगा सकता है।

भूषण ने कहा, भारत अगर वीजा नहीं देता है तो विश्व महासंघ हमारे खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है। पाकिस्तान ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू में पिछली बार भी शिकायत की थी। उन्होंने इस बार भी शिकायत दर्ज करा दी है।

अध्यक्ष ने कहा, इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेना अनिवार्य है। पाकिस्तान यूडब्ल्यूडब्ल्यू का हिस्सा है। जब किसी देश को किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाती है तो मेजबान देश को यह सुनिश्चित करना होता है कि उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें वीजा दें।

उन्होंने कहा, अगर यह मुद्दा सुलझाया नहीं जाता है तो यूडब्ल्यूडब्ल्यू हमारे पर भारी जुर्माना लगा सकता है। वो हमें एक से तीन साल के लिए प्रतिबंधित भी कर सकता है। वो हमसे मेजबानी भी छीन सकते हैं।

भूषण ने कहा, उनकी महिला टीम को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों को वीजा मिलने का इंतजार है।

भूषण को हालांकि विश्वास है कि जब डब्ल्यूएफआई अपना पक्ष सरकार के सामने रखेगी तो मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, खेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, सिर्फ गृह मंत्रालय ने अभी तक वीजा को मंजूरी नहीं दी है। दिक्कत यह है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को वीजा देने के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो की मंजूरी की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा, मैंने गृह मंत्री से मिलने का समय मांगा है। एक बार मैं जब उनसे मिल लूंगा तो मुझे विश्वास है कि वो मंजूरी दे देंगे।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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