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जेनेटिक विकार से बढ़ रही बच्चों की मृत्यु दर
नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)| भारत में प्रत्येक दिन सैकड़ों बच्चों का जन्म कई प्रकार के दोषों के साथ होता है, जिसके कारण दिव्यांगता और मृत्यु के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
देश में जेनेटिक विकार एक बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या, जिसके लिए माता-पिता को सोचे-समझे विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की तत्काल आवश्यकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का मानना है, उन मामलों में आनुवांशिक परीक्षण जरूरी है, जहां किसी एक साथी में वंशानुगत विकार हैं, परिवार में अनुवांशिक विकार का इतिहास है, कई गर्भावस्था क्षति का इतिहास है, या बच्चों में जन्मजात विसंगतियां हैं। कई महिलाएं देरी से गर्भावस्था वाली जीवन शैली का चयन कर रही हैं, और देश के कुछ हिस्सों में असंगतता के प्रसार के साथ, भारत में आनुवांशिक विकारों के साथ पैदा होने वाले बच्चों का एक बड़ा जोखिम है।
उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा, भारत वह देश है, जहां विवाह से पहले कुंडली मिलाने को बड़ा महत्व दिया जाता है। हालांकि, अब समय इस बात का है कि शादी से पहले जेनेटिक स्क्रीनिंग या परीक्षण और परामर्श भी अनिवार्य कर देना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भावस्था और प्रसव के दौरान कई मुद्दों को रोकने में मदद मिलेगी।
यूनिसेफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब एक लाख 34 हजार बच्चों की मृत्यु पांच साल से कम उम्र में ही हो जाती है। इनमें से लगभग 10 प्रतिशत जन्मजात विकृतियों के कारण होती है। जन्मजात विकृतियों से पैदा हुए बच्चांे में से आधे से अधिक एकल जीनों में दोषों के कारण होते हैं, जबकि 10 प्रतिशत गुणसूत्र असामान्यताओं के कारण होते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, आनुवंशिक असामान्यताओं के साथ पैदा होने वाले बच्चों की खतरनाक संख्या के साथ अब वक्त है कि भारत एनजीएस नियमित आनुवंशिक परीक्षण को अपनाए। यह एक व्यापक परीक्षण है और सभी प्रकार के आनुवांशिक उत्परिवर्तनों का पता लगा सकता है और एक ही समय में सटीक, तेज और लागत प्रभावी है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, अपने घर में और अपनी त्वचा पर उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से अवगत रहें। स्वस्थ भोजन करें और अपने आहार में ताजा फल और सब्जियां शामिल करें। तनाव से निपटने के लिए कदम उठाएं। व्यायाम, समुचित नींद, और मेडिटेशन को महत्व दें। आप तनाव से छुटकारा पाने के लिए योग का चयन भी कर सकते हैं। अच्छी नींद लें। धूम्रपान और मदिरापान से बचें या कम करें।
नेशनल
केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है
नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।
दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?
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