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एशियाई खेलों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा : अनीश भानवाल

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय युवा निशानेबाज अनीश भानवाल ने कहा है कि हर प्रतियोगिता की तरह एशियाई खेलों में भी उनकी कोशिश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की है।

अनीश ने अप्रैल में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के 21वें संस्करण में पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने इसी स्पर्धा में राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड भी कायम किया था।

युवा निशानेबाज अनीश के सामने अब राष्ट्रमंडल खेलों के प्रदर्शन को इंडोनेशिया के जकार्ता में 18 अगस्त से दो सितंबर तक होने वाले 18वें एशिया खेलों में भी दोहराने की चुनौती है और वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

अनीश ने यहां एशियाई खेलों के लिए 572 सदस्यीय भारतीय दल के आधिकारिक विदाई समारोह से इतर आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उनकी कोशिश हर प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की रहती है।

उन्होंने कहा, मेरी कोशिश हर प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की होती है और एशियाई खेलों के लिए भी मेरी अच्छी तैयारी है। जब मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा तो निश्चित रूप से मैं पदक जीतूंगा।

युवा निशानेबाज ने राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में कुल 30 अंक हासिल किए थे। उन्होंने 2014 में ग्लासगो में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में आस्ट्रेलिया के डेविड चापमान का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने 23 अंक हासिल किए थे।

15 साल के अनीश ने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भी मेरी ट्रेनिंग अच्छी थी और अब भी है। गोल्ड कोस्ट में मेरा ध्यान पदक पर ना होकर अपने प्रदर्शन पर था क्योंकि वो मेरा पहला राष्ट्रमंडल खेल था। ठीक उसी तरह, यह मेरा पहला एशियाई खेल है और इसमें पदक से ज्यादा मेरा ध्यान अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर है।

यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद अब उन पर एशियाई खेलों में भी स्वर्ण जीतने का दबाव है और वह इससे खुद को कैसे बाहर निकालते हैं, उन्होंने कहा, एशियाई खेलों के लिए मैं मानसिक रूप से तैयार हूं। खेल कोई भी हो, दबाव तो होता ही है, चाहे वह दबाव अच्छा प्रदर्शन करने का हो या पदक जीतने का। मैं इन दबावों से दूर रहने के लिए मैं योग करता हूं।

एशियाई खेल राष्ट्रमंडल खेलों से बड़ा है और राष्ट्रमंडल खेलों के मुकाबले में एशियाई खेलों में उन्हें अधिक चुनौती का सामना करना पड़ेगा, इस पर अनीश ने कहा, हां, मुझे लगता है कि राष्ट्रमंडल खेलों के मुकाबले एशियाई खेलों में अधिक चुनौती है और यह बात मुझे पहले से पता है, इसलिए मैंने एशियाई खेलों के स्तर के हिसाब से अपनी तैयारी की है। मुझे अपनी तैयारी और मेहनत पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि मैं वहां जरूर पदक जीतूंगा।

उन्होंने कि अगर वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो निश्चित रूप से पदक जीतेंगे और इसके लिए वह दिन में 5-6 घंटे प्रतिदिन ट्रेनिंग कर रहे हैं।

हरियाणा में सोनीपत जिले के गोहाना कसांडी गांव के अनीश ने राष्ट्रमंडल खेलों से पहले 2013 में अंडर-12 माडर्न पैंटाथलन विश्व चैम्पियनशिप और 2015 में एशियाई पैंटाथलन चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था।

यह पूछने पर कि राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने के बाद उन्होंने सबसे पहले क्या किया था, निशानेबाज ने कहा, स्वर्ण जीतने के बाद मैं बहुत खुश था। मैंने सबसे पहले अपने घर वालों से बात की और अपने परिवार वालों के साथ इस खुशी को साझा किया। मुझे रिकॉर्ड तोड़ने की जानकारी नहीं थी, लेकिन जब किसी ने बताया तो मैं और भी ज्यादा खुश हुआ।

अनीश ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद स्वदेश लौटकर 10वीं की परीक्षा दी थी और परीक्षा समाप्त होने के बाद से ही वह नियमित रूप से ट्रेनिंग कर रहे हैं।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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