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मुख्य समाचार

मप्र पुलिस ने अपहृत कारोबारी को बिहार की मदद से मुक्त कराया

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रीवा, 8 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के रीवा जिले से अपहृत हार्डवेयर कारोबारी संत बहादुर सिंह को मध्यप्रदेश पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने में सफलता पाई है। पुलिस ने फिरौती की रकम 40 लाख रुपये के साथ पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। रीवा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा ने श्निवार को आईएएनएस को बताया कि 23 जुलाई को रीवा से लौटते वक्त सीधी निवासी हार्डवेयर कारोबारी संत बहादुर लापता हो गया था। वह अपने बेटे की फीस जमा करने आया था। उसकी कार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मिली थी। इसके बाद संत बहादुर के साले को अपहर्ता का फोन आया और 15 दिन का समय देते हुए 40 लाख की फिरौती की मांग की।

जोगा के अनुसार, अपहर्ताओं का पता लगाने के लिए रीवा पुलिस लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में रही। इतना ही नहीं, अपहर्ताओं ने अलग-अलग स्थानों पर फिरौती की रकम लेकर आने को बुलाया। सिंह परिवार के सदस्यों को पुरी, बोकारो, खंडवा सहित अन्य स्थानों पर बुलाया गया, मगर मिले कहीं नहीं।

जोगा ने बताया कि पुलिस को इस बात की आशंका थी कि इस अपहरण में किसी बाहरी आदमी का हाथ हो सकता है। इसी आधार पर पुलिस आगे बढ़ी और उस व्यक्ति तक पहुंच गई, जो इसमें साजिशकर्ता था। पुलिस बलिंदर सिंह तक पहुंची, जो बिहार निवासी और पूर्व में अपहरण के आरोप में पकड़ा गया था। वह अस्पताल से पुलिस की गिरफ्त से वर्ष 2016 में फरार हो गया था।

पुलिस की जांच आगे बढ़ती रही, वहीं सिंह के परिवार के सदस्य रकम लेकर इधर-उधर भागते रहे, उनके साथ हमेशा पुलिस सादा कपड़ों में तैनात रही। जब अपहर्ताओं ने हावड़ा एक्सप्रेस से सासाराम आने को कहा, तब पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क किया और रोहतास व मुजफ्फरपुर पुलिस की मदद से आरोपी बलिंदर और उसके एक साथी को रकम के साथ पकड़ लिया। आरोपियों ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से तय स्थान पर रकम भरी पेटी ट्रेन से फिंकवाई थी।

जोगा ने आगे बताया कि उसके बाद पुलिस ने दलिंदर से मिली जानकारी के आधार पर मुजफ्फरपुर निवासी खालिद के घर से संत बहादुर को मुक्त कराया और तीन आरोपियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया। अपहृत संत बहादुर सुरक्षित है, पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, साथ ही फिरौती की रकम 40 लाख रुपये बरामद कर ली गई है।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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