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उत्तर प्रदेश

ईश्वर योगी जी के साथ, असंभव को बनाते हैं संभव : बिस्वजीत दैमारी

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महाकुम्भनगर : ईश्वर योगी जी के साथ हैं। यहां के मुख्यमंत्री असंभव को संभव बनाते हैं। ऐसा कहना है असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी का। ये बातें उन्होंने शुक्रवार को महाकुम्भ में गोवर्धन पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद जी के शिविर में यज्ञ और सेवा के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि जितना सुना था, उससे भी अधिक यहां आकर महसूस कर रहा हूं। महाकुम्भ के दौरान अध्यात्म और संस्कृति से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने इसे जीवन का अनमोल पल बताया। इससे पूर्व उन्होंने महामंडलेश्वर केशव महाराज समेत संगम स्नान भी किया।

ईश्वर की कृपा से संभव हुआ आगमन

बिस्वजीत दैमारी ने बताया कि शुरुआत में उन्हें लगा था कि वह महाकुम्भ में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन यह ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद है कि वह प्रयागराज पहुंचे और यहां के अद्भुत आयोजन का हिस्सा बने। उन्होंने कहा अच्छे काम में योगदान देने का जो अवसर मुझे यहां मिला है, वह मेरे जीवन को धन्य कर देने वाला है। प्रयागराज आने से पहले बिस्वजीत दैमारी लखनऊ पहुंचे थे, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने उन्हें महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और आयोजन से संबंधित जानकारी दी। बिस्वजीत दैमारी ने योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां सचमुच असंभव को संभव किया गया है। इतने बड़े आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करना बेहद कठिन काम है।

पूजा-पाठ और संगम स्नान का अद्भुत अनुभव

महाकुम्भ के दौरान संगम में स्नान और पूजा-पाठ के अनुभव को साझा करते हुए दैमारी ने कहा कि यहां की सारी व्यवस्थाएं बहुत शानदार हैं। उन्होंने संगम में स्नान कर जगत मंगल की प्रार्थना की। उन्होंने विशेष रूप से योगी सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा कि पूजा-पाठ से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी तरह से संचालित हो रही हैं। यह ईश्वर और सीएम योगी का आशीर्वाद है। महाकुम्भ में भाग लेने के बाद बिस्वजीत दैमारी ने इसे अध्यात्म, संस्कृति और आस्था का संगम बताया। उन्होंने कहा कि इस मेले ने न केवल भारतीय संस्कृति को नई ऊंचाइयां दी हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसकी अद्भुत छवि प्रस्तुत की है। अंत में बिस्वजीत दैमारी ने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए मैं सीएम योगी और उनकी टीम को दिल से धन्यवाद देता हूं। यह अनुभव मेरे जीवन का अविस्मरणीय हिस्सा रहेगा।

स्वामी अधोक्षजानंद जी का लिया आशीर्वाद

गोवर्धन पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद जी ने बताया कि उत्तर-पूर्व भारत के राज्यों की आम प्रजा, जनजातियां, माननीय आचार्य से प्रेम करते हैं और मार्गदर्शन मांगते हैं। जहां कहीं भी अच्छा काम होता है तो वो आते हैं। इसी क्रम में असम के स्पीकर शिविर में आए और यज्ञ किया। उन्होंने यहां दंडी साधुओं को भोजन कराया, स्वयं जमीन पर बैठकर खाना खाया। ये केवल स्पीकर नहीं है, ये असम के ताकतवर समूह बोडो जनजाति के सर्वमान्य नेता भी हैं। बोडो जनजाति हमेशा से महान शिवभक्त रही है। उन्होंने यहां आकर हर हर महादेव का नारा लगाया और सनातन के प्रति अपने समाज की निष्ठा को दिखाया।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण, जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद करने का दिया आदेश

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद(फिजिकल क्लासेज) कर दिए हैं। इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने 26 जनवरी की देर शाम निर्देश जारी कर स्कूलों को बंद रखने और कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने का निर्देश दिया।

निर्देश के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में 5 फरवरी तक ऑफलाइन कक्षाएं स्थगित रहेंगी। हालांकि, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए उसी स्कूल समय पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। नोटिस में यह भी लिखा है कि यह आदेश क्षेत्र के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होता है।

प्रैक्टिकल कक्षाओं का शेड्यूल

इस दौरान स्कूलों को अपनी सुविधानुसार प्रैक्टिकल कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति है। खास बात यह है कि छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर स्कूल आना होगा, जबकि नियमित पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। इस फैसले का उद्देश्य सड़कों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और यातायात व्यवस्था को बनाए रखना है।

बता दें प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। ऐसे में वाराणसी में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस अवसर से पहले प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। इस स्थिति के कारण, अधिकांश स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए स्कूल अधिकारियों के संपर्क में रहें।

 

 

 

 

 

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