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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर उपराष्ट्रपति ने की भव्य कार्यक्रम की शुरुआत

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लखनऊ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अवध शिल्प ग्राम, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश भर में चलने वाले इस भव्य आयोजन में प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, विकास की यात्रा और आर्थिक सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया जा रहा है।

प्रदेश की छह विभूतियों को मिला उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान

प्रदेश के विकास और गौरव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले छह विशिष्ट व्यक्तियों को “उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया। इनमें वाराणसी के कृष्णकांत शुक्ल, वृंदावन मथुरा के उद्यमी एवं पर्यावरणविद् हिमांशु गुप्ता, कानपुर के कृषि उद्यमी मनीष वर्मा, बुलंदशहर की महिला उद्यमी कृष्णा यादव, बुलंदशहर के ही कृषि विशेषज्ञ कर्नल सुभाष देशवाल, और बहराइच के केला उत्पादन विशेषज्ञ डॉ. जय सिंह शामिल हैं। इन सभी को उपराष्ट्रपति द्वारा 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

सीएम युवा उद्यमी विकास अभियान का हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम युवा) के ई-पोर्टल का शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर और उद्यमी बनाना है। 21 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। पहले चरण में 5 लाख रुपये तक का ऋण और दूसरे चरण में 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। अब तक इस योजना के तहत 27,500 आवेदन प्राप्त हुए हैं और ₹254 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है। इस अवसर पर पांच लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से चेक वितरित किए गए। इनमें लखनऊ के आकाश अवस्थी, अयोध्या के कृष्ण कुमार विश्वकर्मा, अमरोहा के अमित कुमार और सोनल शर्मा, तथा गोरखपुर के अक्षांश राज सिंह शामिल हैं।

महिला उद्यमिता और परंपरागत हस्तशिल्प को बढ़ावा

कार्यक्रम के दौरान परंपरागत शिल्प और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाले कई व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। वाराणसी की हस्तशिल्पी निशा देवी, गोरखपुर के जीतेन्द्र और आगरा के एमएसएमई पुरस्कार विजेता शिशिर अस्थाना को मंच पर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, संत कबीर पुरस्कार के लिए गोरखपुर के रजिउल हसन और वाराणसी की अंगिका कुशवाहा को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का हुआ भव्य प्रदर्शन

इस आयोजन में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का भव्य प्रदर्शन किया गया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने अपने लोक नृत्य और संगीत से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। विशेष रूप से, प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति ने समारोह को और भी रंगीन बना दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

प्रदेश में हर जिले में आयोजन

उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य के सभी 75 जिलों में विविध सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। महाकुम्भ के सेक्टर-7 और नोएडा शिल्पग्राम में भी विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, जो प्रदेश की समृद्ध विरासत और विकास यात्रा की कहानी बयां कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण, जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद करने का दिया आदेश

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद(फिजिकल क्लासेज) कर दिए हैं। इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने 26 जनवरी की देर शाम निर्देश जारी कर स्कूलों को बंद रखने और कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने का निर्देश दिया।

निर्देश के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में 5 फरवरी तक ऑफलाइन कक्षाएं स्थगित रहेंगी। हालांकि, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए उसी स्कूल समय पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। नोटिस में यह भी लिखा है कि यह आदेश क्षेत्र के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होता है।

प्रैक्टिकल कक्षाओं का शेड्यूल

इस दौरान स्कूलों को अपनी सुविधानुसार प्रैक्टिकल कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति है। खास बात यह है कि छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर स्कूल आना होगा, जबकि नियमित पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। इस फैसले का उद्देश्य सड़कों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और यातायात व्यवस्था को बनाए रखना है।

बता दें प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। ऐसे में वाराणसी में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस अवसर से पहले प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। इस स्थिति के कारण, अधिकांश स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए स्कूल अधिकारियों के संपर्क में रहें।

 

 

 

 

 

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