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उत्तर प्रदेश

कासगंज जेल से गाजीपुर पहुंचा अब्बास अंसारी, पिता मुख्तार की कब्र पर पढ़ेगा फातिहा

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गाजीपुर। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने जाने की इजाजत मिल गई है। इसके लिए अब्बास अंसारी कासगंज जेल से गाजीपुर पहुँच गया है। अब्बास का काफिला पूर्वांचल एक्सप्रेस से उतर कर गाजीपुर सीमा पर पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अब्बास को 3 दिनों की कस्टडी पैरोल मिली है। इस दौरान वह गाजीपुर जेल में रहेगा। इसके बाद वापस कासगंज जेल भेज दिया जाएगा। कानून-व्यवस्था बरकरार रखने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आशंका जताये जाने के बाद शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में उसके पैतृक निवास स्थान गाजीपुर ले जाया जाए।

कोर्ट ने कहा कि अब्बास को बुधवार को पुलिस हिरासत में फातिहा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी और इसके संपन्न होने के बाद उसे अस्थायी रूप से गाजीपुर की स्थानीय जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पीठ ने कहा कि गाजीपुर जिला प्रशासन सत्यापित करेगा कि क्या 11 अप्रैल को अन्य रस्म होनी है और यदि हां, तो अब्बास को पुलिस हिरासत में उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। न्यायालय ने कहा कि अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने कहा कि उसे 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए।

अदालत ने कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए आगंतुकों की तलाशी लेगी कि ‘फातिहा’ रस्म के आयोजन स्थल या अब्बास अंसारी के पैतृक घर में कोई भी व्यक्ति हथियार नहीं ले जा सके। पीठ ने अब्बास की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का यह बयान भी दर्ज किया कि अब्बास मीडिया को संबोधित नहीं करेगा। पीठ ने कहा कि अब्बास ने अपने पिता को खो दिया है और वह न्यायिक हिरासत में होने के कारण अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सका था।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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