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आध्यात्म

उदया तिथि के अनुसार इस दिन रखें हरतालिका तीज व्रत, जानें पूजा मुहूर्त और विधि

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Hartalika Teej 2023

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नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां गौरा पार्वती और शिव जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। करवा चौथ की तरह ही यह व्रत भी बहुत कठिन माना जाता है।

इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाओं के द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखा जाता है। वहीं कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के साथ इस व्रत को रखती हैं।

मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। चलिए जानते हैं हरतालिका तीज की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

हरतालिका तीज तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 17 सितंबर दिन रविवार को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 18 सितंबर 2023, सोमवार को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगा। उदया तिथि 18 सितंबर को प्राप्त हो रही है, इसलिए हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा।

पूजा मुहूर्त

हरतालिका तीज की पूजा के लिए इस दिन 3 शुभ मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक है। उसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 09 बजकर 11 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद तीसरा मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से शाम 07 बजकर 51 मिनट तक है। इन तीनों मुहूर्त में आप कभी भी पूजा कर सकती हैं।

पूजन सामग्री

हरतालिका तीज पूजा के लिए सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति की जरूरत होती है। इसके अलावा पीला वस्त्र, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, दूर्वा, कलश, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, दही शहद और 16 श्रृंगार का सामान सिंदूर, बिंदिया, मेंहदी, कुमकुम आदि।

पूजा विधि

हरतालिका तीज व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर बाद में शुभ मुहूर्त के समय हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करने के बाद पूजा आरंभ करें। इस दिन माता पार्वती और शिव जी के साथ उनके पुत्र गणेश की पूजा भी की जाती है।

माता पार्वती, भगवान शिव शंकर और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमाएं बनाएं। इसके बाद एक चौकी पर स्थापित करें। माता पार्वती को अक्षत, चुनरी, फूल, फल, धूप दीप आदि अर्पित करें। वहीं शिव जी को सफेद चंदन, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें, भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करने चाहिए।

भगवान शिव की पूजा करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। उसके बाद शिव, पार्वती गणेश जी को भोग लगाएं। मां पार्वती का पूजन करते समय ॐ उमायै नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करें।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी के पूर्णतयः सत्य व सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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