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आध्यात्म

एकादशी श्राद्ध में मिलेगा पितरों को बैकुंठ धाम, जानें क्यों महत्वपूर्ण है यह दिन

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Pitru Paksha Ekadashi Shraddha 2023

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नई दिल्ली। इस समय पितृपक्ष चल रहा है और इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 9 अक्टूबर सोमवार को है। मान्यता है कि अगर इस दिन जातक अपने पितरों का तर्पण करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी श्राद्ध का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी श्राद्ध का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन पूर्वजों को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पितर पृथ्वी पर आते हैं। साथ ही एकादशी तिथि के चलते इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा का विधान है।

यही वजह है कि लोग पालनहार भगवान विष्णु से अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके लिए पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं। ऐसा करने से भगवान विष्णु उन्हें आशीर्वाद देते हैं। साथ ही उन्हें अपने निवास ‘बैकुंठ धाम’ में स्थान देते हैं।

यहां तक कि जो लोग अपने पिछले बुरे कर्मों से पीड़ित हैं और मृत्यु के देवता यमराज से यमलोक में दंडित हो रहे हैं, उनके पूर्वज भी इस एकादशी श्राद्ध को करने से उस पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं।

तिथि और समय

एकादशी तिथि आरंभ – 9 अक्टूबर, 2023 – 12 बजकर 36 मिनट से

तिथि समाप्त – 10 अक्टूबर 2023 – 03 बजकर 08 तक

एकादशी श्राद्ध इसलिए है महत्वपूर्ण

एकादशी श्राद्ध का महत्व तो हर कोई जानता है। इस दिन का महत्व इसलिए और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन पितृ दोष पूजा, पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं, उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और भगवान विष्णु उन्हें अपने यहां स्थान देते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की हमारी गारंटी नहीं है।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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