उत्तर प्रदेश
महाकुंभ 2025 के दौरान डेढ़ लाख अस्थाई शौचालयों की होगी व्यवस्था
लखनऊ,। योगी सरकार प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर मिशन मोड में जुटी हुई है। 12 साल में एक बार होने वाले सनातन धर्म के इस सबसे बड़े आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। महाकुंभ के दौरान विशेष अवसरों पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण पुण्य की डुबकी लगाने प्रयागराज में संगम तट पर उमड़ेंगे। आस्थावानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ ही योगी सरकार इस पूरे आयोजन को स्वच्छ बनाने पर भी विशेष जोर दे रही है।
300 से अधिक सक्शन गाड़ियां होंगी
महाकुंभ के दौरान 10 हजार से अधिक कर्मचारी स्वच्छता की जिम्मेदारी उठाएंगे। स्वच्छ कुंभ को समर्पित योगी सरकार पूरे मेला क्षेत्र में लगभग डेढ़ लाख अस्थाई सामुदायिक एवं शिविर शौचालयों और मूत्रालयों को स्थापित करेगी। इसके लिए 300 से अधिक सक्शन गाड़ियां और जेट स्प्रे सफाई प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। शौचालयों की सफाई के लिए क्यूआर कोड के जरिए सेवा स्तर की निगरानी की जाएगी।
25 हजार से अधिक लाइनर बैग युक्त डस्टबिन
कुंभ नगरी को स्वच्छ रखने के लिए 120 टिपर-हॉपर और 40 कॉम्पेक्टर ट्रक को लगाया जाएगा। इन वाहनों की जीपीएस से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा 25 हजार से अधिक लाइनर बैग युक्त डस्टबिन भी कुंभ मेला क्षेत्र में रखी जाएंगी। इन्हें प्रतिदिन तीन बार बदला जाएगा।
850 समूहों में काम करेंगे सफाई कर्मचारी
बात सफाई कर्मचारियों की करें तो कुंभ के दौरान 10 हजार 200 कर्मियों की तैनाती होगी। ये 850 समूहों में काम करेंगे। योगी सरकार सभी सफाई कर्मचारियों के लिए स्वच्छता कॉलोनी का भी निर्माण कराएगी। सफाई कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी का हस्तांतरण सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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