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उत्तराखंड

नकली दवाइयां बनाने वालों को मिले आजीवन कारावास और मृत्यु दंड, कई देशों में प्रावधान: बाबा रामदेव

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Baba Ramdev said Those making adulteration and fake medicines should get life imprisonment and death penalty

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हरिद्वार। योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव ने कहा कि मिलावट और नकली दवाइयां बनाने वालों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड की सजा होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार सख्त कानून बना सकती है। कई देशों में मिलावट खोरी और नकली दवाइयां रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

हरिद्वार स्थित पतंजलि रिसर्च सेंटर में मीडिया से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाइयां बनाना बड़ा अपराध है। नकली दवाइयों और मिलावट रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें आजीवन कारावास और मृत्युदंड की सजा होनी चाहिए। कई देशों में इस तरह का प्रावधान है।

स्वामी रामदेव ने कहा केंद्र सरकार भी सख्त कानून बना सकती है। देश में जाति गणना के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में जातिवाद एक बड़ा मुद्दा बन रहा है। जब सर्वे की बात उठी तो एक दिन जाति की गणना भी होगी। लेकिन सभी जातियों में जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर या पिछड़ेपन में जी रहे हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ देकर उभरने का अवसर मिलना चाहिए।

सोशल मीडिया पर अश्लीलता के लिए बने कानून

बाबा रामदेव ने कहा कि मोबाइल पर गेम और वीडियो से बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्या बढ़ रही हैं। सोशल मीडिया पर जिस तरह से अश्लील वीडियो और अपशब्द भाषा का प्रयोग सबसे खतरनाक है। सोशल मीडिया पर इस तरह कंटेंट नहीं होने चाहिए। इसके लिए भारत अपने नियम बना सकता है।

उन्होंने कहा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अभिव्यक्ति की बर्बादी हो रही है। इस पर अंकुश लगाना बेहतर जरूरी है। इसके अलावा जातीय व मजहब के नाम पर हिंसा को उकसाना मैसेज या वीडियो ज्यादा विध्वंस कारी हैं। इसके लिए कानून बनाना चाहिए।

उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी

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देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।

UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।

उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?

यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।

किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।

सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।

एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

 

 

 

 

 

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