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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी की बड़ी पहल, प्रदेश में पहली बार खेतों से सिल्ट हटाने को दिये गये 32,55,872 रुपये

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लखनऊ|मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने पहली बार बाढ़ की वजह से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को सहायता धनराशि देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने खेतों से सिल्ट हटाने के लिए किसानों को मुआवजा दिया है। सीएम योगी की इस पहल का किसानों ने स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की। बाढ़ प्रभावित लखीमपुर खीरी के 311 किसानों को सिल्ट हटाने के लिए 32 लाख से अधिक का मुजावआ भी दिया जा चुका है। इस पर लाभार्थियों ने सीएम योगी का आभार जताते हुए उन्हें अपना मसीहा बताया। वहीं, प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों ने योगी सरकार के राहत कार्यों की जमकर तारीफ की।

खेत में जमी सिल्ट की मोटाई 3 सेंटीमीटर से अधिक होने पर दिया जा रहा मुआवजा

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि उत्तर प्रदेश आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भली-भांति जानते हैं और इसको लेकर काफी गंभीर भी हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े सात वर्षों में आपदा के न्यूनीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। साथ ही, वह आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अलर्ट भी रहते हैं। उन्होंने पिछले साढ़े सात वर्षों में आपदा प्रभावितों की मदद के लिए कई प्राकृतिक घटनाओं को अापदा में शामिल किया। इसी के तहत उत्तर प्रदेश में पहली बार बाढ़ से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को मुआवजा दिया गया। आपदा गाइडलाइन के अनुसार बाढ़ से जिन किसानों के खेतों में रेत या गाद निक्षेप की मोटाई तीन सेंटीमीटर से अधिक होती है, उन्हें सिल्ट हाेने के लिए मुआवजा दिया जाता है। उक्त किसानों को 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथा न्यूनतम 2,200 रुपये प्रति किसान की दर से मुआजवा दिया जाता है। ऐसे में, सीएम योगी की मंशा के अनुरुप प्रदेश में पहली बार इस वित्तीय वर्ष में लखीमपुर खीरी के किसानों को खेतों से सिल्ट हटाने के लिए मुआवजा दिया गया है। राहत आयुक्त ने बताया कि लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने पहली बार किसानों को सिल्ट हटाने का मुआवजा देने की पहल कर प्रदेश के अन्य जिलाधिकारियों के लिए मिसाल पेश की है।

लखीमपुर, निघासन, धौरहरा, गोला और पलिया तहसील के किसानों को दिया गया मुआवजा

लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार जिले के 311 किसानों को खेतों से सिल्ट हटाने के लिए 32, 55, 872 रुपये की धनराशि वितरित की गई है। इसमें, लखीमपुर तहसील के 105 किसानों को 36.7841 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 6,75,941 रुपये की धनराशि वितरित की गई। इसी तरह, निघासन तहसील के 42 किसानों को 25.8283 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 4,72,407 रुपये तथा धौरहरा तहसील के 39 किसानों को 34.1252 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 6,11,060 रुपये जारी किये गये हैं। वहीं, गोला तहसील के 81 किसानों को 49.3897 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 9,06,691 रुपये तथा पलिया तहसील के 44 किसानों को 32.7652 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 5,89,773 रुपये सहायता धनराशि के रूप में दिये गये।

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उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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