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नेशनल

कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, वरुण चौधरी को NSUI व अलका लांबा को मिली महिला कांग्रेस की कमान  

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नई दिल्लीl कांग्रेस ने चांदनी चौक से पूर्व विधायक व दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा को बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लांबा नेटा डिसूजा की जगह लेंगी। वहीं, दिल्ली के ही वरुण चौधरी को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) की कमान सौंप दी गई है। यह दोनों नियुक्तियां कांग्रेस की राष्ट्रीय कमेटी में दिल्ली के लगातार बढ़ते दबदबे की ओर ही संकेत दे रही हैं।

अजय माकन बने थे राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष

गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन को कुछ ही दिन पहले आलाकमान ने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के निर्वाचित सदस्यों में भी वह शामिल हैं। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव को हाल ही में पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। वह भी CWC के स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं। दिल्ली से मनीष चतरथ को भी CWC में स्थायी आमंत्रित सदस्य रखा गया है।

पिछले साल CWC में अलका को पहली बार मिली थी जगह

यही नहीं, अगस्त में जब CWC का पुनर्गठन किया गया था तो अलका लांबा को भी विशेष आमंत्रित सदस्य रखा गया था। अब अलका को महिला कांग्रेस की कमान भी सौंप दी गई है।

अपने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में अलका लांबा ने कहा कि महिला कांग्रेस राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, कानूनी और संविधान द्वारा महिलाओं को दिए गए बराबरी के अधिकारों को पंक्ति में खड़ी अंतिम महिला तक सही मायने में पहुंचाकर उनकी भागेदारी और सशक्तीकरण का रास्ता प्रशस्त करेगी।

दूसरी तरफ NSUI अध्यक्ष के लिए पिछले दिनों राहुल गांधी ने पांच छात्र नेताओं के इंटरव्यू लिए थे। इनमें राजस्थान से विनोद जाखड़, तेलंगाना से वेंकट और अनुलेखा, दिल्ली से वरुण चौधरी, हरियाणा से विशाल चौधरी के नाम शामिल थे। इनमें से वरुण चौधरी का चुनाव किया गया।

नेशनल

दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पेरोल, करेंगे चुनाव प्रचार

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नई दिल्ली। दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ताहिर को चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से कस्टडी पेरोल मिल गई है। इसके बाद ताहिर हुसैन को पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की छूट मिल गई है। ताहिर हुसैन दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ताहिर हुसैन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की याचिका दायर की थी, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब उन्होंने पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने देने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ AIMIM उम्मीदवार को कस्टडी पेरोल दी है। इस दौरान उसे अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं मिली है।
ताहिर को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी परोल दी गई है। ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा। कोर्ट ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी। पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वह बताएं कि हुसैन क्या वचन देंगे। लंबे बहस के बाद कोर्ट ने कई शर्तों के आधार पर ताहिर को कस्टडी पेरोल दी।

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