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प्रादेशिक

बिहार: शिक्षा माफिया बच्चा राय के घर मिला ‘नोटों का पहाड़’, गिनती करने को मंगाई गई मशीन

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Bihar education mafia Bacha Rai

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पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार बोर्ड टापर घोटाले के मुख्य आरोपित व वैशाली निवासी अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। निदेशालय की यह कार्रवाई भगवानपुर के किरतपुर राजाराम स्थित बच्चा राय के आवास, विशुन राय कालेज और विशुन राजदेव ट्रेनिंग कालेज में एक साथ हुई।

तीन करोड़ कैश, गिनती करने में हांफ गई मशीन

ईडी को छापेमारी में तीन करोड़ से अधिक नकद राशि मिली है, जिसके लिए नोट गिनने की मशीन मंगाई गई। इसके अलावा पटना, वैशाली, दिल्ली समेत कई शहरों में सौ से अधिक जमीन-मकान के दस्तावेज मिले हैं। ईडी सूत्रों की माने तो देर रात तक नोटों की गिनती और दस्तावेजों की जांच जारी रही।

बच्चा राय बिहार के साथ देश में पहली बार तब चर्चा में आया, जब वर्ष 2016 में उसके द्वारा चलाए जा रहे कालेज से तीन बच्चे इंटर की परीक्षा में टाप कर गए। इनमें बोर्ड टापर रूबी राय भी शामिल थी। मीडिया के द्वारा इन बच्चों के लिए गए साक्षात्कार में काफी गड़बड़ियां सामने आईं।

इसके बाद इस मामले की जांच की गई तो यह खुलासा हुआ कि बच्चा राय वैशाली में स्कूल के नाम नाम पर टापर बनाने की फैक्ट्री चला रहा था। इस बात के संज्ञान में आने के बाद विभिन्न जांच एजेंसियों ने बच्चा राय के खिलाफ कई मामले दर्ज करते हुए कार्रवाई की। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई करते हुए बच्चा राय की संपत्ति जब्त कर ली थी।

ईडी का लगा था बोर्ड, फिर भी कराने लगा निर्माण

टापर घोटाला उजागर होने के बाद ईडी ने 2016 में बच्चा राय की 42 डिसमिल जमीन को अटैच किया था। ईडी ने उक्त जमीन पर अपना बोर्ड भी लगाया था, लेकिन नियम-कानून का उल्लंघन कर बच्चा राय उसी जमीन पर निर्माण करा रहा था।

बच्चा राय एक बार फिर इसी मामले को लेकर चर्चा में आया। मामला उजागर होने के बाद ईडी ने भगवानपुर थाना में बच्चा राय पर बीते 18 नवंबर को केस भी दर्ज कराया और फिर शनिवार को उसके विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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