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उत्तर प्रदेश

भाजपा की ऐतिहासिक जीत ‘एक रहेंगे, सेफ रहेंगे’ पर जनता की मुहर : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। यूपी विधानसभा उपचुनाव और महाराष्ट्र में मिली प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन को दिया है। सीएम योगी ने कहा कि यह जीत ‘एक रहेंगे, सेफ रहेंगे’ पर जनता जनार्दन की मुहर है। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को राम और राष्ट्र का आराधक बताते हुए, यूपी की तरफ से बीजेपी के ‘विजयोत्सव’ में सात कमल रूपी पुष्प अर्पित करने की बात कही। मुख्यमंत्री शनिवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।

बीजेपी की ऐतिहासिक जीत को बताया ‘विजयोत्सव’

पत्रकारवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी की ऐतिहासिक जीत को ‘विजयोत्सव’ बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव के परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें बीजेपी गठबंधन ने 7 सीटें जीती हैं। सीएम योगी ने इस ऐतिहासिक विजय का श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन को देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार सुरक्षा, सुशासन और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़कर लोककल्याण के कार्यों को जमीनी धरातल पर उतारने का मार्गदर्शन कर रही है।

जनता ने बांटने वाली राजनीति को खारिज किया

सीएम योगी ने कहा कि यूपी उपचुनाव में बीजेपी 52 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त किया है। ऐसे ही महाराष्ट्र में भाजपा 131 सीटों पर लीड कर रही है। शिवसेना शिंदे गुट 55 सीट, एनसीपी अजीत पवार गुट 40 सीट यानी अकेले एनडीए ने 226 सीटों पर जीत हासिल की है। देश की जनता नकारात्मक और बांटने वाली राजनीति को खारिज कर रही है। इसीलिए हम कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। जनता ने राष्ट्रीय अखंडता को मजबूती प्रदान करने के लिए अपना जनादेश दिया है।

सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं को दी बधाई

सीएम योगी ने कहा कि ये जीत पीएम मोदी के नेतृत्व पर जनता जनार्दन के विश्वास की मुहर है। जनता को अटूट विश्वास है कि मोदी जी के नेतृत्व में उनकी नीतियां, उनके निर्णय देश और समाज के अनुकूल हैं। इस अनुकूलता पर जनता ने मुहर लगाई है। इस सम्पूर्ण विजय के लिए भाजपा के सभी समर्पित कार्यकर्ताओं को, जिन्होंने पूरे समर्पण के साथ डबल इंजन की सरकार की उपब्धियों को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया, उन सभी को हृदय से बधाई।

कुंदरकी की जीत राष्ट्रवाद की जीत

सीएम योगी ने कहा कि देश में विरासत और विकास का बेहतर समन्वय प्रारंभ हुआ है। सुरक्षा, सुशासन और समृद्धि का विशेष समन्वय हम देख पा रहे हैं। जो कभी सपना हुआ करता था आज हकीकत बन गया है। 7 सीटों पर जो जीत हमें मिली है ये यूपी की ओर से पीएम मोदी के अभियान को सात कमल के रूप में समर्पित हैं। मीरापुर, कटेहरी, गाजियाबाद, कुंदरकी, खैर, मझवां और फूलपुर की जनता जनार्दन ने यह जनादेश बीजेपी के पक्ष में दिया है। खासकर कुंदरकी की जीत राष्ट्रवाद की जीत है। हम सब जनता का आभार व्यक्त करते हैं। जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि ये चुनाव सपा और इंडी गठबंधन के लूट और झूठ की पॉलिटिक्स के अंत की उद्घोषणा भी है।

पीएम मोदी के यशस्वी नेतृत्व पर नये महाराष्ट्र के विश्वास की मुहर

सीएम योगी ने कहा कि महाराष्ट्र में भी हमें प्रचंड, अभूतपूर्व और ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई है। यह राम और राष्ट्र के अराधक पीएम मोदी के यशस्वी नेतृत्व पर नये महाराष्ट्र के विश्वास की मुहर है। यह छत्रपति शिवाजी के आदर्शों की विजय है। बाबा साहेब का अपमान करने वालों की पराजय है। बीजेपी महायुति गठबंधन की सहयोगी शिवसेना शिंदे गुट को जितनी सीटें मिली हैं, इंडी गठबंधन को कुल मिलाकर भी उतनी सीटें नहीं मिली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर खड़ा है। यह गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा, वृद्ध, शोषित व वंचित की आशा-आकांक्षा पर जनता जनार्दन की विजय का प्रतीक है। यह तुष्टिकरण और साम्प्रदायिकता के शॉर्टकट से सरकार बनाने का सपना देखने वालों की पराजय है। आज बीजेपी के लाखों कार्यकर्ताओं के संकल्प की सिद्धि हुई है।

सपा के अनर्गल प्रलाप पर जनता का करारा जवाब

सीएम योगी ने सभी विजयी प्रत्याशियों को बधाई देते हुए कहा कि यूपी के चुनाव के बारे में मतदान के दिन से ही सपा जैसे अनर्गल प्रलाप कर रही थी, जनता ने उसका करारा जवाब दिया है। कुंदरकी में भाजपा सवा लाख वोटों से जीत रही है, सपा की जमानत जब्त हो रही है, यह राष्ट्रवाद की जीत है। गाजियाबाद में 70 हजार वोटों से जीत हुई है। फूलपुर में बीजेपी 11 हजार वोटों से विजयी हुई है। खैर में 38 हजार से अधिक वोटों से विजय प्राप्त की है, कटेहरी में 35 हजार से अधिक वोटों से वहीं मीरापुर में हमारी सहयोगी रालोद की प्रत्याशी ने 30 हजार से अधिक वोटों से विजयी हुईं हैं। वहीं मझवां में बीजेपी प्रत्याशी 4 हजार से अधिक वोटों से विजयी घोषित हुई हैं।

सीसामऊ और करहल की जनता का भी जताया आभार

सीएम योगी ने कहा कि आप सपा के प्रदर्शन का आंकलन कर सकते हैं। सीसामऊ में सपा मात्र 8 हजार वोट से जीती है। 2022 में इस सीट पर हार का अंतर 12 हजार का था। करहल में सपा 2022 में 67 हजार वोटों से जीत हासिल की थी इस बार मात्र 14 हजार का अंतर रह गया है। अगली बार वहां कमल खिलेगा, ये अब बिल्कुल स्पष्ट लग रहा है। हम सीसामऊ और करहल में यद्यपि हमारी जीत नहीं हुई है, लेकिन बड़ी संख्या में जनता ने राष्ट्रवाद पर भरोसा जताया है इसके लिए इन दोनों विधानसभा क्षेत्र की जनता जनार्दन का विशेष आभार।

पत्रकारवार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, जे पी एस राठौर, संगठन महामंत्री धर्मपाल, एमएलसी डॉ महेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी और नेतागण मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

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 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

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