उत्तर प्रदेश
ब्रिटिश उच्चायुक्त ने सीएम योगी से की मुलाकात, यूपी में व्यापारिक अवसरों पर की चर्चा
लखनऊ| ब्रिटिश उच्चायुक्त, लिंडी कैमरून ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात के बाद लिंडी कैमरून ने ब्रिटेन और भारत के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। इस अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि सीएम योगी के साथ उनकी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा, व्यापार, इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य क्षेत्रों में अवसरों और भागीदारी को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। सीएम योगी ने भी ब्रिटिश उच्चायुक्त के साथ हुई मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की।
सीएम योगी का जताया आभार
सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर ब्रिटिश उच्चायुक्त, श्रीमती लिंडी कैमरून से शिष्टाचार मुलाकात की।” सीएम योगी की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून ने लिखा, “उत्तर प्रदेश की अपनी पहली यात्रा और किसी मुख्यमंत्री से पहली मुलाकात के दौरान आपके मूल्यवान विचार साझा करने और भारत व ब्रिटेन के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का धन्यवाद। उच्च शिक्षा के संबंध, व्यापार के अवसर, इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य क्षेत्रों में बहुत कुछ आगे ले जाना है।” उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड से स्नातक और यूके के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र की पूर्व सीईओ लिंडी कैमरून को इसी वर्ष भारत में यूके की उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। वह भारत में पहली महिला ब्रिटिश उच्चायुक्त भी हैं।
यूके की कंपनियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य बना उत्तर प्रदेश
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश चमड़ा एवं टेक्सटाइल, स्वास्थ्य सेवा, सौर ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन के निवेशकों को अनेक अवसर प्रदान करता है। एबी मौरॉी जैसी कंपनियों ने पहले ही भारत में अपने निवेश गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश को चुना है। ब्रिटिश फूड्स पीएलसी एबी मौरी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 1100 करोड़ रुपए की लागत से एक नया यीस्ट विनिर्माण संयंत्र स्थापित कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कंपनी को भूमि आवंटित कर दी गई है और राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रोत्साहन (पूंजीगत सब्सिडी) के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट भी अनुमोदित कर दिया गया है। प्रदेश के विशाल बायोटेक इकोसिस्टम का लाभ उठाते हुए जीनस ब्रीडिंग इंडिया प्रा. लि. द्वारा 12 करोड़ रुपए के निवेश से पशुपालन विभाग द्वारा प्रदान की गई भूमि पर लखनऊ में अपनी इकाई स्थापित की है। इसी तरह उत्तर प्रदेश डिफेंस सेक्टर में निवेश के अवसरों के लिए यूके के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है। यूके की कंपनी वेबली एंड स्कॉट (सियाल मैन्युफैक्चरर्स प्रा. लि.) द्वारा 7.62 करोड़ रुपए के निवेश से संडीला फेज-2 औद्योगिक क्षेत्र में एयर गन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक प्लांट स्थापित किया गया है। कंपनी ने जून 2020 में अपना संचालन प्रारंभ कर दिया है। इसके अतिरिक्त एफएमसीजी कंपनी यूनिलिवर ने हमीरपुर में और केमिकल कंपनी जॉनसन मैथे ने कानपुर में अपनी इकाई का सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं।
विदेश निवेश के लिए यूपी ने किए हैं कई महत्वपूर्ण उपाय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों एवं मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को अपना माल भारत एवं विदेशों के बाजारों में भेजना बेहद आसान हो गया है। प्रदेश 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ देश का एकमात्र राज्य बनने के लिए तत्पर है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 से अधिक नीतियां लागू कर औद्योगिक विकास के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशिष्ट एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल एवं फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 भी घोषित की है। गौरतलब है कि भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने लगातार टॉप अचीवर की उपाधि प्राप्त की है।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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