नेशनल
Chandrayaan 3 की खुशी बयां नहीं कर सकता: ISRO प्रमुख ने अब दी यह गुड न्यूज
नई दिल्ली। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद दुनिया भर में भारत और इसरो की खूब तारीफ हो रही है। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान की सफल लैंडिंग कराने वाला पहला देश बन गया है। इसको लेकर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ का बयान सामने आया है।
सोमनाथ ने कहा, यह वर्णन करना बहुत मुश्किल है कि मन में क्या चल रहा था। यह खुशी हो सकती है, यह उपलब्धि का सार हो सकता है और उन सभी को धन्यवाद देना हो सकता है, जिनका इसमें योगदान है।
सूर्य मिशन और गगनयान पर क्या बोले?
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सूर्य मिशन आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, सूर्य के लिए आदित्य मिशन सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है। गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है। हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे।
चंद्रयान -3 मिशन का एक बड़ा काम पूरा
बता दें कि योजना के अनुसार बुधवार शाम को लैंडर ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से स्थापित हुआ। भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। लैंडर लगभग 3.84 लाख किमी से अधिक की यात्रा करने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा। लैंडिंग के साथ, 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान -3 मिशन का एक बड़ा काम पूरा हो गया है।
उत्तराखंड
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।
UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।
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