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आतंकवाद पर केंद्र सरकार का सख्त एक्शन, यासीन मलिक की पार्टी पर बैन पांच साल और बढ़ा

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने जेल में बंद आतंकी आरोपी यासीन मलिक की पार्टी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है।

अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर गृह मंत्रालय ने साल 2019 में प्रतिबंध लगाया था। मोदी सरकार ने ये प्रतिबंध आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत लगाया था। मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगाने से पहले मोदी सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत जमात-ए-इस्लामी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगाने की ऐलान करते हुए कहा कि अगर कोई देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देगा, तो उसे कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। मोदी सरकार ने इसके अलावा भी कई संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। जिसे लेकर अलग-अलग अधिसूचना जारी की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जे-के पीपुल्स लीग के चार संगठनों, जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोटा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) पर भी प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।

नेशनल

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, कब और कैसे मच गई भगदड़?

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आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बीते बुधवार को भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. इस भगदड़ में दर्जनों भक्तों के घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते साल 2024 में देश में किन-किन जगहों पर भगदड़ मची थी. जानिए साल 2024 में किन जगहों पर भगदड़ के कारण लोगों की मौत हुई थी.

तिरुपति मंदिर में मची भगदड़

आंध्र प्रदेश के सबसे अमीर तिरुपति बालाजी मंदिर में वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए ही लोग टोकन लेने के बीते बुधवार देर शाम से लाइन में खड़े थे. जानकारी के मुताबिक काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे. जिसके बाद श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने का निर्देश दिया गया था, इसी दौरान आगे जाने की होड़ में अफरा-तफरी मच गई थी. कई भक्त आगे भागने की कोशिश में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे थे, जिस दौरान कई श्रद्धालु भीड़ के बीच जमीन पर नीचे गिर गए और उनकी दम घुटने से मौत हो गई है. इस दौरान दर्जनों भक्त घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है.

कब और कैसे मच गई भगदड़?

हालात काबू में आये ही थे तो रामा नायडू स्कूल में बने केंद्र से हालात बेकाबू होने की खबर आ गई। दरअसल, इसी केंद्र में सबसे ज्यादा भीड़ जमा हुई थी। पुलिस ने टोकन Q लाइन को बंद कर रखा था। अगले दिन सुबह 5 बजे यानी आज सुबह टोकन Q लाइन खुलनी थी लेकिन लोग एक दिन पहले मतलब बुधवार को ही जमा हो गए। ज्यादा भीड़ को देखते हुए पुलिस ने लाइन खोले जाने तक लोगों को पास में बने एक पार्क में बैठने को कहा। कुछ ही देर में वो पार्क खचाखच भर गया। पुलिस ने पार्क का गेट बंद कर दिया। शाम 7 बजे के करीब पार्क में दम घुटने के चलते एक महिला बेसुध हो गई। इस महिला के इलाज के लिए उसे पार्क से बाहर निकलाने का फैसला किया गया और एक पुलिस अधिकारी के कहने पर पार्क का गेट खोला गया, वहां मौजूद हजारों लोगों को लगा कि Q लाइन में भेजने के लिए पार्क का गेट खोला गया है और एक साथ सैंकड़ों लोग पार्क के गेट से बाहर निकलने की जद्दोजहद करने लगे इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई।

पार्क में नहीं थी मूलभूत सुविधा

वैकुंठ एकादशी के अवसर पर हर साल ऐसी ही स्तिथि होती है। इलाके में बेरिकेडिंग करने के बाद लोगों को लाइन में खड़ा रहने दिया जाता है और जैसे ही Q लाइन खुलती हैं, एक-एक करके लोगों को टोकन दिया जाता है। इस बार बहुत ज्यादा भीड़ होने के चलते, पहली बार पुलिस ने लोगों को पार्क के अंदर भेज दिया और गेट बंद कर दिया, लेकिन वहां पर कोई मूलभूत व्यवस्था नहीं की गई। सुबह से शाम तक लोग पार्क में बंद थे। मेडिकल इमरजेंसी की वजह से जैसे ही पार्क का गेट खुला, वहां भगदड़ मच गई। बेकाबू भीड़ से श्रीनिवासम इलाके में बने केंद्र में भी सिचुवेशन आउट ऑफ कंट्रोल हुई लेकिन समय रहते पुलिस ने इसे कंट्रोल कर लिया।

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