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नेशनल

पानी की खोज से कुछ कदम दूर चंद्रयान-3, अब चांद पर मनुष्य के बसने की संभावना

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Chandrayaan 3 Discovery

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नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद भारत का मून मिशन हर रोज नए आयाम तय कर रहा है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर अपनी खोज में लगातार महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। इसी कड़ी में यान ने ऑक्सीजन समेत कई ऐसे तत्व चांद पर खोजे है, जो अब तक कोई देश नहीं कर सका है।

लैंडिंग के बाद से अब तक क्या मिला

चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के बाद से लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब तक कई तस्वीरें भेज चुके हैं। यान अब चांद पर मनुष्य के बसने की संभावना खोज रहा है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ लैंडिंग से पहले भी कई बार कह चुके हैं कि दक्षिणी ध्रुव चांद पर खोज के लिए काफी खास क्षेत्र हैं, जहां लोगों के रहने की संभावना पाई जा सकती है।

चांद पर क्या तत्व मिले

प्रज्ञान रोवर (Chandrayaan 3 Findings) को चांद पर ऑक्सीजन (O), सल्फर (S), एल्युमिनियम (Al), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), सिलिकान (Si), मैगनीज (Mn) मिले हैं। ये सब रोवर के पेलोड लेजर इनड्यूज्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआइबीएस) की मदद से मिले है।

यह सब मिलने के बाद अब अगर रोवर चांद पर सबसे महत्वपूर्ण हाइड्रोजन की खोज कर लेता है, तो यह चांद पर पानी की खोज में बड़ा कदम हो सकती है।

चांद पर तापमान का खुलासा भी हैरान करने वाला

हाल ही में चंद्रयान 3 ने चांद पर तापमान को लेकर हैरान करने वाला फैक्ट सामने लाया था। लैंडर ने जब चांद की मिट्टी का तापमान मापा तो पता चला कि यहां शून्य से 70 डिग्री तक तापमान होता है। इस जानकारी से इसरो भी हैरान था। ऐसा इसलिए क्योंकि, वैज्ञानिकों का मानना था कि चांद पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक हो सकता है।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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